सीवानः बिहार के सीवान जिले में एक हिंदू नौजवान ने कथित तौर पर एक मुस्लिम लड़की के इश्क में इस्लाम मजहब कबूल कर लिया है. हालांकि, दुर्भाग्य से इस मामले में भी लड़की को ही जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोपी बता दिया गया है, जैसे मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की के प्यार को जबरन धर्मांतरण बताया जाता है.  मुस्लिम लड़की अगर किसी हिंदू लड़के के प्यार में अपना मजहब बदलकर उससे शादी कर लेती है, तो बहुसंख्यक समाज उसके फैसले का खैरमकदम करता है, लेकिन अगर कोई हिंदू लड़का किसी मुस्लिम लड़की के प्यार में अपना धर्म बदल ले तो ये जबरन धर्मांतरण हो जाता है. प्यार और धर्म को लेकर शायद ये ही हमारे समाज का दोहरा चरित्र है. 


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यह मामला सीवान के मैरवा के मिसकरही मुहल्ला का बताया जाता है. नैना देवी नाम की एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके माहेल्ले में रहने वाली एक लड़की ने उसके बेटे श्रवण कुमार को अपने प्यार में फंसाकर उसे मुसलमान बना दिया है. 23 साल का नौजवान श्रवण कुमार लगभग 7 महीने पहले अपने घर से गायब हो गया था. जब वह वापस आया तो उसका पूरा हुलिया बदला हुआ था. उसने दाढ़ी-टोपी पहन रखी थी और एक मौलाना की तरह अपना वेशभूषा बना रखा था. नौजवान की मां ने प्रशासन से अपने बेटे की वापसी की गुहार लगाई है. युवक की मां ने इस संदर्भ में 13 जुलाई को मैरवा थाने में आवेदन भी दिया है. 

मुस्लिम युवती ने इल्जामों को किया खारिज 
वहीं, मुस्लिम युवती रोजी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उसने कहा है कि श्रवण उसका पड़ोसी था, इसलिए वह दोनों आपस में एक दोस्त थे. वह आपस में बातें भी किया करते थे. दोनों की फोन पर भी बातें होती थी, लेकिन जब से उसके घर वालों ने उसे श्रवण से बात करने से रोका तब से उसका अब उससे कोई संपर्क नहीं है. उसके मुसलमान बनने या होने में उसका कोई हाथ नहीं है. रोजी का कहना है कि वह खुद इस्लाम के बारे में जानकारी इक्टठा करता था और किताबें पढ़ता था.

श्रवण कुमार ने वीडियो जारी कर दी सफाई 
इसी बीच श्रवण कुमार का एक वीडियो भी सामने आ गया है, जिसमें वह सभी आरोपों से इंकार करता हुआ नजर आ रहा है. श्रवण कुमार का कहना है कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है. ऐसा न तो उसने किसी के दबाव में किया है और न ही किसी लड़की के प्यार में. उसने कहा है कि वह जो किया है या कर रहा है, उसके लिए वह खुद जिम्मेदार है और उसने सोच-समझकर किया है. उसने कहा है कि वह एक बालिग इंसान है और वह खुद के फैसले करने के लिए आजाद है. उसने कहा है कि अब वह किसी से भी कोई मतलब नहीं रखना चाहता है. यहां तक कि श्रवण कुमार अपनी मां से भी मतलब नहीं रखना खहता है, जिसकी लोग आलोचना कर रहे हैं. यहां तक कि उलेमा का कहना है कि श्रवण कुमार अगर हकीकत में मुसलमान बन भी गया है, तो उसे अपनी मां से संपर्क नहीं तोड़ना चाहिए. इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है. 


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