Bilkis Bano case: SC के आदेश पर दुबारा जेल भेजा गया बिलकीस बानो का दोषी पैरोल पर फिर आया बाहर
Bilkis Bano Case: कोर्ट ने 11 दोषियों बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद, जसवन्त, मितेश भट्ट, प्रदीप मोढिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश और शैलेश भट्ट में से दाहोद जिले के रहने वाले दोषी प्रदीप मोढिया को उसके ससुर के निधन की वजह से पैरोल पर गोधरा जिला जेल से रिहा कर दिया है.
Bilkis Bano Case: बिलकीस बानो के सभी 11 दोषियों को कोर्ट ने साल 2022 में समय से पहले रिहा कर दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी दोषियों ने जेल अफसरों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. अब उनमें से एक को गुजरात हाईकोर्ट ने पांच दिन की पैरोल दी है. पुलिस के एक अफसर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
दरअसल, कोर्ट ने 11 दोषियों बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद, जसवन्त, मितेश भट्ट, प्रदीप मोढिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश और शैलेश भट्ट में से दाहोद जिले के रहने वाले दोषी प्रदीप मोढिया को उसके ससुर के निधन की वजह से पैरोल पर गोधरा जिला जेल से रिहा कर दिया है.
पुलिस ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 के गोधरा दंगों के बाद गुजरात की रहने वाली बिलकीस बानो के साथ सामूहिक रेप और उसके साथ 7 रिश्तेदारों की हत्या के मामले में सभी 11 दोषियों की सजा में छूट को पिछले महीने कैंसिल कर दिया था. दाहोद जिले की पुलिस उपाधीक्षक विशाखा जैन ने कहा, “गुजरात हाई कोर्ट ने एक दोषी प्रदीप मोढिया को उसके ससुर की मौत के कारण पांच दिन की पैरोल दी है. यह कोर्ट और जेल के बीच का मामला है, क्योंकि वे न्यायिक हिरासत में हैं”
उन्होंने आगे कहा, “उसे पुलिस के सामने हाजिरी देने की जरूरत नहीं है.” दोषी गोधरा जिला जेल में बंद हैं. वहीं, जेल के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट के हुक्म पर मोढिया को पैरोल पर रिहा कर दिया है. दोषी ने अपने ससुर की मौत का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में एक महीने की पैरोल के लिये पिटीशन दायर की थी. हालांकि, जस्टिस एम.आर. मेंगडे ने पांच दिन की पैरोल की इजाजत दी.
सरकार ने ‘अच्छे आचरण’का हवाला देकर सजा में दी थी छूट
बता दें कि गुजरात सरकार ने जेल में कै़द के दौरान ‘अच्छे आचरण’ का हवाला देते हुए सजा में छूट के एप्लीकेशंस को एक्सेप्ट करने के बाद बिलकीस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को अगस्त 2022 में वक्त से पहले जेल से रिहा कर दिया था. सरकार ने 1992 की नीति के मुताबिक यह छूट दी थी.