Owaisi on MP Govt: अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर असदुद्दीन ओवैसी ने मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक हिंदू संत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कथित तौर से शामिल एक शख्स के घर को ढहाए जाने को शनिवार को "राज्य प्रायोजित सांप्रदायिकता" करार दिया. ऑल इंडिया ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख ओवैसी बृहस्पतिवार को शहजाद अली के घर को ढहाए जाने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.


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इस्लाम के खिलाफ बयानबाजी
रामगिरी महाराज की तरफ से कथित इस्लाम के खिलाफ की गई बयानबाजी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की तरफ से आहूत विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने पथराव किया और वाहनों को नुकसान पहुंचाया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों पर पथराव और अली के घर को ढहाए जाने की निंदा की.


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वैध घर को गिराया गया
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने इल्जाम लगाया कि जब एक प्रतिनिधिमंडल इस्लाम इस्लाम के खिलाफ बयानबाजी के खिलाफ ज्ञापन सौंप रहा था, तब पथराव किया गया. ओवैसी ने एक वीडियो में कहा, "पत्थरबाजी की घटना के एक दिन बाद अली का घर गिरा दिया गया, जबकि उसने दावा किया था कि उसके पास घर के लिए कानूनी इजाजत थी. कानूनी इजाजत के बगैर स्थानीय प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था." 


मुस्लिम का घर गिराने पर भड़के ओवैसी
उन्होंने पूछा कि क्या अली के घर को गिराने से पहले उसे नोटिस दिया गया था? हैदराबाद के सांसद ने दावा किया कि छतरपुर पुलिस ने कुछ आरोपियों की परेड कराई और उन्हें नारे लगाने के लिए मजबूर किया. उन्होंने इल्जाम लगाया, "सरकार कानून से चलती है, न कि भीड़ तंत्र से. वहां जो हुआ वह भीड़ तंत्र का प्रदर्शन था. घर को गिराना राज्य प्रायोजित सांप्रदायिकता है." ओवैसी ने इल्जाम लगाया कि "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान का सम्मान करने का नाटक करते हैं, क्योंकि भाजपा सरकारें इसका उल्लंघन कर रही हैं."