Namaz in School: लंदन में एक मुस्लिम लड़की से साथ हैरान कर देने वाला सामने आया है. यहां एक स्कूल की लड़की ने अदालत से गुजारिश की थी कि उसे स्कूल में नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए. लेकिन अदालत ने यह कहते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी कि किसी की भी धार्मिक आजादी स्कूल के नियमों से ऊपर नहीं है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नमाज की मांगी इजाजत
मुस्लिम लड़की ने लंदन के वेम्बली में मौजूद मिशेला स्कूल में नमाज पढ़ने की इजाजत के अदालत पहुंची थी. लड़की का कहना था कि स्कूल में लड़की की इबादत पर पाबंदी उसके साथ दोहरा रवैया है. इसके जवाब में स्कूल ने कहा कि मुस्लिम लड़की को स्कूल में इबादत करने की आजादी देने से बच्चों के बीच समावेशी नजरिए के कमजोर पड़ने का खतरा है.


स्कूल ने दिया तर्क
बीबीसी ने लिखा है कि अदालत ने मुस्लिम लड़की की अर्जी खारिज कर दी. स्कूल ने कहा कि "जब लड़की ने स्कूल में दाखिला लिया था तभी उसने स्कूल के नियमों को मान लिया था कि वह अपने मजहब को दिखाने की पाबंदी होगी और उसे धर्म की बुनियाद पर किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी."


पूजा-पाठ की इजाजत नहीं
मुस्लिम लड़की का इल्जाम था कि स्कूल की पाबंदियों की वजह से उसकी मजहबी आजादी छीनी जा रही है. यह एक तरह से भेदभाव है. इससे धार्मिक अल्पसंख्यक अपने आपको अलग-थलग महसूस करते हैं. लेकिन अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया. स्कूल ने अदालत को दलील दी कि धार्मिक अलगाव की वजह से ही स्कूल में किसी भी धर्म के कार्यक्रम को करने की इजाजत नहीं दी गई. 


700 मुस्लिम बच्चे
स्कूल के संस्थापक का कहना है कि अदालत का फैसला "सभी स्कूलों की जीत है." स्कूल में तकरीबन 1400 बच्चे पढ़ते हैं. जिनमें से 700 बच्चे मुस्लिम हैं. सभी लोगों से उम्मीद की जाती है कि वह स्कूल के नियमों का पालन करें. स्कूल में वर्दी पहनना अनिवार्य है.