Eid Ul Fitr 2024: भारत में नहीं हुआ चांद का दीदार; अब 11 अप्रैल को अदा की जाएगी ईद की नमाज
Eid Ul Fitr 2024: दुनियाभर में ईद को लेकर तैयारियां चल रही हैं. लोग ईद के चांद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, रमजान हर साल का 9वां महीना है और 10वां महीना शव्वाल है. आज 29वां रोजा है.
Eid Ul Fitr 2024: भारत समेत दुनियाभर में ईद को लेकर तैयारियां चल रही हैं. लोग ईद के चांद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, रमजान हर साल का 9वां महीना है और 10वां महीना शव्वाल है. आज 29वां रोजा है. 8 अप्रैल को सऊदी अरब में चांद का दीदार नहीं हुआ था. इस बीच भारत में भी आज यानी 9 अप्रैल को चांद का दीदार नहीं हुआ है. अब 11 अप्रैल को भारत समेत कई देशों में ईद की नमाज अदा की जाएगी. अमूमन सऊदी में पहले चांद देखा जाता है, उसके बाद ईद की नमाज अदा की जाती है. इसके बाद भारत, पाकिस्तान, बंग्लादेश और नेपाल में ईद की नमाज अदा की जाती है.
मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर काजी-ए-शहार मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह, लखनऊ ने ऐलान किया है कि आज 29 रमजान-उल-मुबारक 1445 हि. के मुताबिक, आज यानी 9 अप्रैल को शव्वाल का चांद नहीं हुआ है. इसलिए कल 30वां रोजा है और ईद-उल-फित्र की नमाज 11 अप्रैल को अदा की जाएगी.
कडरू मदरसा के मौलाना ने क्या कहा?
मामले की जानकारी देते हुए कडरू मदरसा के मौलाना ने बताया कि रमजान का महीना पूरी तरीके से चांद पर ही निर्भर करता है और इस महीने में नही 29 फिर 30 दिन होते हैं. इसीलिए अगर आज ईद चांद नजर आया तो रमजान का यह महीना 29 दिन का होगा और कल ईद मनाई जाएगी, लेकिन अगर आज चांद नजर नहीं आता है तो रमज़ान का महीना 30 दिनों का होगा और उसके अगले दिन ईद मनाई जाएगी.
गरीबों को दिया जाता है जकात
वहीं उन्होंने बताया कि ईद का त्योहार खुशियों का त्यौहार है और इस दिन हर गरीब और जरूरतमंद भी खुशियां मना सके इसे लेकर अल्लाह की तरफ से खास हुकुम दिए गए. गरीब और जरूरतमंद भी ईद मना सके इसे लेकर जकात और फितरा का नियम बनाया गया है, जिसके मुताबिक अगर किसी इंसान के पास एक साल से ज्यादा रखी हुई रकम है या फिर उसके पास साढ़े 7 तोला सोना या 52 तोला चांदी हो तो उसकी कीमत का ढाई परसेंट गरीबों के बीच दान किया जाता है. वहीं उन्होंने बताया की ईद की नमाज से पहले कि गरीबों के बीच दान किया जाना बेहतर माना जाता है, ताकि उन पैसों से सबकी ईद खुशियों के साथ मन सके.