Farooq of Kashmir Book: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला के जिंदगी पर एक नई किताब का सोमवार को विमोचन किया गया है. फिंगरप्रिंट पब्लिशिंग ने यह जानकारी दी है. ‘फारूक ऑफ कश्मीर’ मौज़ू वाली यह किताब अब्दुल्ला की बचपन से लेकर उनके कश्मीर के एक मशहूर नेता बनने तक के सफर को केंद्र में रखकर लिखी गयी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह बुक पत्रकार अश्विनी भटनागर और आर सी गंजू ने लिखी है. इसमें, एक राजनीतिक नेता के तौर पर अब्दुल्ला के सामने आई चुनौतियों और दुविधाओं पर भी  रौशनी डाला गया है. इस बुक में बताया गया है कि कश्मीर में अस्थिर और जटिल हालात के बीच उन्होंने अपने लोगों, अपनी पार्टी और मुल्क के प्रति अपनी वफादारी के बीच किस तरह संतुलन बनाया था. 


लेखकों के मुताबिक, व्यापक शोध और साक्षात्कारों पर आधारित किताब में उनके पिछले 45 साल के सफर का जिक्र किया गया है. किताब के लेखकों ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने 1990 से जम्मू-कश्मीर की राजनीति की रिपोर्टिंग की है, और हम कश्मीर के राजनीतिक इतिहास को आकार देने वाली कई घटनाओं के गवाह रहे हैं. इन घटनाओं में आतंकवाद के सिर उठाने और इसके खूनी नतीजा भी शामिल हैं. लेकिन चाहे जो भी मुसिबत रहा हो डॉ. फारूक अब्दुल्ला डिगे नहीं.’’


पुस्तक में फारूक के व्यक्तित्व के बारे में कई अनजान पहलुओं को सामने लाया गया है, जैसे कि खेल के प्रति उनका प्रेम शामिल है. इसमें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ उनके संबंधों का जिक्र किया गया है, जिनमें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और बेनजीर भुट्टो शामिल हैं.


प्रकाशक के मुताबिक, "फ़ारूक़ ऑफ़ कश्मीर" उन लोगों को जरूर पढ़नी चाहिए जो कश्मीर के इतिहास और राजनीति के साथ-साथ वर्तमान हालात में अब्दुल्ला की भूमिका और प्रासंगिकता को समझना चाहते हैं. 


Zee Salaam Live TV