PFI के पूर्व चीफ अबुबकर की नहीं होगी रिहाई, कोर्ट ने दिया ये फैसला
New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने PFI के पूर्व चीफ ई. अबुबकर की UAPA मामले में रिहाई की गुजारिश वाली याचिका आज यानी 28 मई को खारिज कर दी है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) के पूर्व चीफ ई. अबुबकर की UAPA मामले में रिहाई की गुजारिश वाली याचिका आज यानी 28 मई को खारिज कर दी है.
साल 2022 में हुई थी गिरफ्तारी
इस मामले की जांच NIA कर रही है. अबुबकर को साल 2022 में NIA ने गिरफ्तार किया था. साल 2022 में ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई थी. वहीं, NIA ने PFI के पूर्व चीफ ई. अबुबकर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उनसे पूछताछ हुई थी, बाद में कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में ही हैं.
निचली अदालत के फैसले को दी थी चुनौती
इस दौरान ई. अबुबकर ने जमानत के लिए निचली अदालत का रुख किया था, जहां से उनको राहत नहीं मिली थी. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. उन्होंने मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत की गुजारिश करते हुए निचली अदालत का रुख किया था. जहां, जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने जमानत याचिका को खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘हम अपील को खारिज करते हैं.’’
NIA ने लगाया गंभीर इल्जाम
एनआईए के मुताबिक, पीएफआई के पदाधिकारियों और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के मद्देनजर धन जुटाने के लिए आपराधिक साजिश रची और वे इस उद्देश्य के लिए अपने कैडर को ट्रेंड करने के वास्ते ट्रेनिंग सेंटर आयोजित कर रहे थे. अबुबकर को 22 सितंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था.