Giriraj Singh On Gyanvapi: भारतीय जनता पार्टी  के लीडर और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मुसलमानों को ज्ञानवापी मस्जिद स्थल हिंदुओं के हवाले कर देना चाहिए और ऐसा कोई बयान नहीं दिया जाना चाहिए, जिससे आपसी भाईचारा बिगड़े. उनकी ये टिप्पणी ज्ञानवापी मस्जिद कैम्पस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के एक दिन बाद सामने आई है. रिपोर्ट में हिंदू वादियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने दावा किया था कि, मस्जिद की तामीर पहले से मौजूद मंदिर को ध्वस्त करने के बाद की गई थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा, अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई और सनातनियों ने इसका जोरदार तरीके से स्वागत किया. लेकिन हमारी मांग हमेशा से अयोध्या, काशी और मथुरा रही है. उन्होंने दावा किया, कि मैं अपने मुस्लिम भाइयों से अपील करूंगा कि जब सारे सबूत सामने आ गए हैं, तो काशी को हिंदुओं को सौंप दें, ताकि आपसी भाईचारा बरकरार रहे. हमने आजादी के बाद कोई मस्जिद नहीं तोड़ी है, लेकिन पाकिस्तान में कोई मंदिर नहीं बचा है. गिरिराज सिंह ने कहा, मैं सौहार्द के लिए यह कह रहा हूं, भड़काऊ बयान न दें. यह बदला हुआ भारत है, सनातनी युवा जाग गया है.



गिरिराज सिंह ने कहा, अगर कोई बाबर या औरंगजेब बनने की कोशिश करता है, तो नौजवानों को महाराणा प्रताप बनना होगा. आपको शांति बनाए रखना सुनिश्चित करना चाहिए, गेंद आपके पाले में है. बता दें कि, वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया कि काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को दी जाएगी. काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने वाराणसी में मीडिया से कहा कि 839 पन्नों की रिपोर्ट की कॉपी अदालत द्वारा संबंधित पक्षों को बृहस्पतिवार देर शाम दे दी गई. एएसआई ने 92 दिनों तक सर्वे किया था. वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा करते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट में स्वस्तिक के निशान, कमल फूल के निशान समेत हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं. इसके साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं.