Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद कैंपस के 'तहखाना' में 'पूजा' के लिए दी गई इजाजत पर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अब 'भरोसे की आखिरी ईंट भी ढह रही है. सबसे अजीब बात यह है कि अदालत यह भी देख रही है कि भीड़ किस तरफ ज्यादा है. दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खिताब करते हुए जमात के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा कि देश में धार्मिक स्थलों और संस्थानों की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है.


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उन्होंने कहा, "हमारे देश में लोकतंत्र है. इसमें हम सब मिलकर सरकार चुनते हैं. इसके बाद देश में कानून व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा के लिए इंतजाम करना भी सरकार की जिम्मेदारी है. देश के धार्मिक स्थलों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सिर्फ मुसलमान ही नहीं है. बल्कि हम सभी मिलकर सरकार को याद दिलाएंगे कि कानून के मुताबिक काम करना उनकी जिम्मेदारी है."


सलीम न आगे कहा, "अब भरोसा टूट रहा है लेकिन यहां के लोग भी हमारे हैं और सरकार भी हमारे वोट से आई है. अजीब बात ये हो रही है कि कोर्ट भी देख रहा है कि भीड़ किस तरफ ज्यादा है और वो क्या सोच रहे हैं.यह हमारे देश और लोकतंत्र की कमजोरी है."


आडवाणी को भारत रत्न  बाबरी मस्जिद गिराने का इनाम; मोहतसिम खान
इसके अलावा बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर जमात के उपाध्यक्ष मलिक मोहतसिम खान ने कहा कि मौजूदा सरकार बाबरी मस्जिद गिराने वालों को इनाम दे रही है. उन्होंने कहा, "सरकार अपने मकसदों के मुताबिक काम कर रही है. देश की जनता को सोचना चाहिए कि क्या ये सरकार कानून के मुताबिक काम कर रही है?" 


AIMPLB ने क्या कहा?
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वाराणसी कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा-पाठ करने की इजाजत दी गई थी.वहीं, इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम ज्ञानवापी मस्जिद के 'तहखाना' में अचानक पूजा-पाठ करने पर गहरा खेद और चिंता व्यक्त करते हैं."