Gyanvapi Case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई सोमवार को टाल दी और अगली तारीख 15 फरवरी तय की. मस्जिद परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाना में हिंदुओं को पूजा की इजाजत वाले वाराणसी की अदालत के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी. वाराणसी की अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकील की दलीलें सुनने के बाद नकवी के अनुरोध पर न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने सुनवाई टालने का आदेश पारित किया.


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वकील ने दलीलें
अंजुमन इंतेजामिया की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि विवादित संपत्ति पर वादी (व्यास परिवार) का क्या अधिकार है, इस पर फैसला नहीं किया गया और इस तरह से वादी का अधिकार निर्धारित किए बगैर पूजा की इजाजत देने का आदेश अवैध है. 


नियमों की की गई अनदेखी
मस्ज़िद कमेटी की तरफ से पेश वकील कहा कि तहखाने में 1993 तक कोई पूजा नहीं हुई. तीस साल बाद कोर्ट रिसीवर नियुक्त कर वहां की स्थिति को बदला जा रहा है. वकील के मुताबिक व्यास जी के तहखाने पर मस्जिद कमेटी काबिज थी. उन्होंने कहा हिंदू पक्ष का कभी तहखाने में कोई दखल नहीं था. नियमों की अनदेखी करके निचली अदालत ने पूजा की इजाजत दी है.


प्रमाणित प्रतियां दाखिल
सोमवार को मुस्लिम पक्ष ने अदालत के आदेशों की प्रमाणित प्रतियां भी दाखिल कीं जो पूर्व में दाखिल नहीं की गई थीं और इन प्रतियों को रिकार्ड में दर्ज किया गया. 


31 जनवरी को दी गई इजाजत
विवादित संपत्ति पर हिंदू पक्ष का कब्जा दर्शाने वाले कुछ परिपत्र हिंदू पक्ष की ओर से दायर किए गए. वाराणसी की अदालत ने 31 जनवरी को दिए अपने आदेश में हिंदू श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी.


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