Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर विवाद जारी है. इस बीच जिला न्यायाधीश अदालत के 17 जनवरी के आदेश के अनुपालन में जिला मजिस्ट्रेट एस. राजलिंगम ने रिसीवर के रूप में ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने को अपनी कस्‍टडी में ले लिया है. जिला मजिस्ट्रेट के प्रतिनिधि के रूप में, एडीएम (प्रोटोकॉल) प्रकाश चंद वादी और आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के मुख्य पुजारी शैलेन्द्र कुमार पाठक व्यास, उनके अधिवक्ताओं और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद (AIM) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पहुंचे. 


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इस दौरान काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील वर्मा भी मौजूद रहे. बाद में, अधिकारी ने मस्जिद परिसर में प्रवेश किया और बुनियादी औपचारिकताएं पूरी कीं. यह प्रक्रिया व्यास वाद पर सुनवाई से पहले पूरी की गई. इसमें जिला जज अजय कृष्ण विश्वेशा ने 17 जनवरी को वाराणसी के डीएम को मस्जिद के दक्षिणी तहखाने का रिसीवर नियुक्त करने का आदेश दिया था.


व्यास के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 29 जनवरी तय की है. एआईएम को पार्टी बनाते हुए, व्यास ने 25 सितंबर, 2023 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत के समक्ष एक मुकदमा दायर किया था, इसमें ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में श्रृंगार गौरी और अन्य दृश्य और अदृश्य देवताओं की पूजा की अनुमति देने और डीएम या किसी अन्य उपयुक्त व्यक्ति को दक्षिणी तहखाने के रिसीवर के रूप में नियुक्त करने की मांग की गई थी.


बीते कल यानी बृहस्पतिवार को ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को मिल गई. एएसआई ने 92 दिनों तक सर्वे किया था. रिपोर्ट की कॉपी 839 पन्नों की है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा करते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट में स्वस्तिक के निशान, कमल फूल के निशान समेत हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं. इसके साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं. वकील के मुताबिक मस्जिद में मंदिर के कुल 32 अवशेष मिले हैं. लेकिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.


बता दें कि पिछले साल 21 जुलाई को जिला अदालत के आदेश के बाद एएसआई ने यह निर्धारित करने के लिए ज्ञानवापी अहाते का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया कि क्या मस्जिद का कंसट्रक्शन हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है या नहीं.