Haryana Riots: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद यहां दूसरे विवादों का दौर जारी है. हरियाणा के तीन जिलों में मु्स्लिम कारोबारों को खदेड़ा जा रहा है. इन जिलों की 50 पंचायतों ने बाजाब्ता नोटिस जारी मुस्लिम कारोबारियों पर पाबंदी लगाने की बात कही. पंचायतों ने पत्र जारी कर कहा कि "सभी दुकानों को अपने मुस्लिम कारोबारियों को नौकरी से निकालने के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दे रहे हैं, वरना हम उनका बहिष्कार करेंग." इसके बाद जब पंचायत के इस फैसले पर हंगामा हुआ तो पंचायतों ने अपना फैसला वापस लिया है.


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प्रशासन ने कहा सौहार्द बिगाड़ने वाला है फैसला


50 पंचायतों के इस फैसले को शासन-प्रशासन ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया है. झज्जर जिले के गांव कबलाना व मुंडाखेड़ा में पंचायतों ने मुस्लिम कारोबारियों के बहिष्कार वाले फरमान को वापस लिया है. दो पंचायतों ने विडियो जारी कर फरमान को वापिस लिए जाने की बात कही है. विडियो में दोनों ग्राम पंचायतों ने कहा है कि "हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं." कैनिबेट मंत्री ओपी यादव व जिला उपायुक्त ने पंचायत के फरमान पर कहा था कि ऐसे फरमान सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने वाले हैं. उन्होंने मामले की जांच कर हर हाल में कार्यवाही करने की बात कही थी. 


क्या है पूरा मामला?


ख्याल रहे कि 31 जुलाई को नूंह में एक धार्मिक रैली को लेकर झड़प हुई थी. इसके बाद यह मामला बढ़ दंगे के रूप में बदल गया. हिंसा नूंह से लेकर ग्रुरूग्राम तक फैल गई. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद हरियाणा के 3 जिलों जिसमें रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर शामिल हैं, की 50 पंचायतों ने मुस्लिम कारोबारियों के बहिष्कार के लिए लेटर जारी किया. इन पत्रों में व्यापारियों के एंट्री पर रोक लगाने की बात कही गई. पंचायत ने पत्रों के जरिए कहा कि इलाके में रहने वाले मुसलमानों को अपनी आईडी पुलिस के पास जमा करने होंगे. इसके बाद महेंद्रगढ़ के एसडीएम ने सभी पंचायतों को कारण बताओ नोटिस जारी किया.