Gurugram Violence: हरियाणा के गुरुग्राम में हुए हिंसक झड़प में एक नायब इमाम की मौत हो गई. हिंसा में मारे गए युवक हाफ़िज़ मोहम्मद साद पिछले तीन साल से गुरुग्राम में ट्यूशन पढ़ाकर जीवन यापन कर रहे थे. मृतक पास के ही मस्जिद में नायब इमाम के पद पर भी कार्यरत थे. इमाम शाद बिहार के जिला सितामढ़ी का रहने वाला था. हाफिज की मौत की खबर गांव पहुंचते ही घर में मातम पसर गया.  


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इमाम साद अपने गायकी जरिये हर समय हिन्दू- मुस्लिम की बीच अमन और भाईचारे की बात करते थे. लेकिन उन्मादी भीड़ ने उसे अपना शिकार बना लिया. हाफिज साद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में साद को तरन्नुम में गाते हुए देख सकते हैं. 19 साल के हाफिज के इस वीडियो को शेयर करते हुए एक जर्नलिस्ट ने लिखा, "हिन्दू-मुस्लिम बैठ के खाए थाली में..ऐसा हिन्दुस्तान बना दे या अल्लाह"



आपको बता दें कि नानपुर थाना क्षेत्र के पंडौल बुज़ुर्ग पंचायत के मनियाडीह गांव निवासी मो मुस्ताक उर्फ लड्डू का पुत्र हाफ़िज़ मो साद तीन वर्षों से गुरुग्राम में ट्यूशन पढ़ाकर अपने पूरे परिवार का जीवन यापन करता था. साल 2022 में  साद को हरियाणा के गुरुग्राम के एक मस्जिद में नायब इमाम बनाया था. पूरे घर की जिम्मेदारी हाफिज साद पर ही था. कई सालों से वो अपने घर नहीं आए थे.    



ये महज इत्तफ़ाक़ है कि जिस दिन उसकी हत्या होती है ,उसके दूसरे दिन ही घर आने वाला था. उसने अपना टिकट बना रखा था. लेकिन खुदा को कुछ और ही मंजूर था. वो घर तो पहुंचेगा लेकिन जिन्दा नहीं.


लोगों का लगा तांता
मृतक के बुज़ुर्ग पिता मोहम्मद मुश्ताक और माता 63 वर्षीय सनोवर खातून उसके घर वापसी के इंतज़ार में थे. तभी उसके मौत की खबर उसके दामाद ने दिया. खबर सुनते ही बुजुर्ग पिता और माता का रो-रो कर बुरा हाल है. पिता ने बताया कि घर में अकेले कमाने वाला था और पिछले तीन साल घर भी नहीं आया था. ताकि छोटी बहन की शादी करवा सके.वहीं इस घटना की खबर सुनते ही स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि का तांता लगा हुआ था. 


एसीपी क्राइम ने कहा
एसीपी क्राइम वरुण दहिया ने  बताया कि हाफिज साद के हत्या के मामले में पुलिस ने चार आोरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं अब तक इस हिंसा में 15 FIR दर्ज की गई है और कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.