Ajit Pawar on Muslim Reservation: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को एजुकेशन में मुसलमानों के लिए 5 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा, जिससे उनके सहयोगी दलों में नाराजगी बढ़ गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग हुए गुट के चीफ अजीत पवार और उनके समर्थक 1 जुलाई को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली सरकार में शामिल हो गए. 


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हालांकि, अभी तक सत्तारूढ़ गठबंधन में दूसरे दो सहयोगियों की के तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, खासकर जब से फडणवीस मजहब-आधारित कोटा नहीं बढ़ाने के बारे में मुखर रहे हैं, NCP के सूत्रों का दावा है कि इस मुद्दे का असर अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है, एनसीपी-एपी (अजित पवार) की नजर मुस्लिम वोटों पर है, जो प्रदेश के कई निर्वाचन इलाकों में एक महत्वपूर्ण फैक्टर साबित हो सकते हैं.


अजित पवार ने हाल ही में आश्वासन दिया था और दोहराया था कि वह बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेशों के मुताबिक फैसला को लागू करने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के साथ मुस्लिम कोटा मुद्दा उठाएंगे और आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमानों के लिए एक विशेष पैकेज पर भी विचार करेंगे.


एजुकेशन में मुस्लिम कोटा का विचार 2014 में पूर्व कांग्रेस-एनसीपी सरकार के जरिए दिया गया था, यह पिछली महाविकास अघाड़ी सरकार के वादों में भी शामिल था, जिसमें जून 2022 में गिरने से पहले अजीत पवार डिप्टी सीएम थे.


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