Muslim News: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना महमूद मदनी ने ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना की है. उन्होंने इल्जाम लगाया है कि ओवैसी लोगों में विभाजन पैदा कर रहे हैं. एक मीडिया इदारे को दिए इंटरव्यू में मदनी ने कहा कि मुसलमान असदुद्दीन ओवैसी को अपना नेता नहीं मानते हैं. 


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ओवैसी से सहमत नहीं मदनी
मदनी ने कहा कि असदुद्दीन की पार्टी ने उत्तर के विधान सभा इलेक्शन में 95 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत सके. उन्हें महज 0.43 फीसद ही वोट मिले. मदनी सिटीजनशिप अमेंटमेंट बिल (CAA) और नेशनल रजिस्टर सिटीजन (NRC) के मुद्दे पर भी असदुद्दीन ओवैसी से सहमत नहीं है. उनका कहना है कि "अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों को भारत की नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए. सरकार अगर चाहे तो NRC लागू कर सकती है."


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मदनी पर इल्जाम
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अक्सर भाजपा की इस मामले पर आलोचना करते हैं, लेकिन मदनी की बयानबाजी से इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है. कुछ लोग मदनी पर इल्जाम लगाते हैं कि वह भाजपा के प्रति नरम रुख अपना रहा हैं. हालांकि वह इन इल्जामों को नकारते हैं और कहते हैं कि वह अभी भी मुसलमानों के मुद्दे उठा रहे हैं.


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मोदी नोट करें 
पत्रकार सुशांत सिन्हा ने यह इंटरव्यू ऑनलाइन शेयर किया और लिखा कि "मौलाना मदनी ने NRC का सपोर्ट करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ये नोट करना चाहिए."