Waqf Amendment Bill पर जेडीयू ने दी अपनी प्रतिक्रिया, कहा-`बिल का.... करे सरकार`
Waqf Amendment Bill: केंद्र में एनडीए के सबसे अहम सहयोगी दलों में से एक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने वक्फ बोर्ड अमेंडमेट बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस मामले का तार्किक समाधान होना चाहिए और इस मामले पर जेपीसी जेपीसी जो भी फैसला करेगी, उस फैसले का हम सम्मान करेंगे.
Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड अमेंडमेट बिल पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) में चर्चाएं अंतिम चरण में पहुंच गई है. इसी सिलसिले में JPC 26 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच पांच राज्यों में अनौपचारिक चर्चा करेगी. इस बीच, केंद्र में एनडीए के सबसे अहम सहयोगी दलों में से एक जेडीयू ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
जेडीयू नेता व पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस मामले का तार्किक समाधान होना चाहिए. उन्होंने कहा, "वक्फ बोर्ड बिल की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे JPC को सौंपा गया है. इस बिल के पक्ष में और विपक्ष में रहे सांसद जेपीसी के मेंबर हैं. इस पर सभी सियासी दल और संवैधानिक संस्थाएं अपनी राय देंगी. देश में राय मशविरा करने के बाद जेपीसी जो भी फैसला करेगी, उस फैसले का हम सम्मान करेंगे. हम यही चाहते हैं कि इस मामले का तार्किक समाधान हो."
चर्चा में ये रहेंगे शामिल
बता दें की वक्फ (अमेंडमेट) बिल, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) 26 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच पांच राज्यों में अनौपचारिक चर्चा करेगी. इस दौरान वक्फ एक्ट में प्रस्तावित बदलावों को सरल करने की कोशिश अलग-अलग स्टेक हॉल्डर्स को शामिल किया जाएगा. इस बिल को लेकर पहली बैठक 26 सितंबर को मुंबई में होगी, जिसमें महाराष्ट्र सरकार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के रिप्रेजेंटेटिव शामिल होंगे. यह प्रारंभिक बैठक वक्फ प्रोपर्टीज के प्रबंधन समेत कई अहम मुद्दो पर अपनी बात रखेंगे.
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इसके अगले दिन यानी 27 सितंबर को, JPC अहमदाबाद, गुजरात में विचार-विमर्श करेगी.इसमें गुजरात सरकार, गुजरात वक्फ बोर्ड और दूसरे संबंधित पक्षों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. सरकारी अफसरो के अलावा, बार काउंसिल, वकील संघों और मुतवल्ली संघों के कानूनी पेशेवर इस बारे में अपनी बात रखने के साथ विचार साझा करेंगे ताकि प्रस्तावित सुधार राज्य में वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट को किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं. इसके बाद 28 सितंबर को जेपीसी हैदराबाद जाएगी, जहां भारत में कई प्रमुख वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं.
कर्नाटक में होगी आखिरी चर्चा
हैदराबाद में होने वाली चर्चा में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के वक्फ बोर्ड के साथ-साथ दोनों राज्यों के राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के रिप्रेजेंटेटिव भी शामिल होंगे. इसके अलावा, छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड भी इन चर्चाओं में हिस्सा लेगा. जिसके बाद,जेपीसी 30 सितंबर को परामर्श के लिए चेन्नई, तमिलनाडु और फिर एक अक्टूबर को चर्चा के लिए बेंगलुरु, कर्नाटक जाएगी.