Temple in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पुराने मंदिर मिलने का सिलसिला जारी है. ऐसे में कानपुर की मेयर परमिला ने एक बड़ा बयान दिया है. जिला कानपुर की मेयर ने एक अभियान चलाया है. इसके तहत पूरे कानपुर में 125 मंदिरों को दोबारा स्थापित किया जाएगा. मेयर के मुताबिक इस अभियान के तहत मुस्लिम इलाकों में मंदिरों को पुनर्स्थापित किया जाएगा. ये मुहिम खुद मेयर की तरफ से चलाई जा रही है. इस मुहिम का मकसद है कि जिले में जो मंदिर जर्जर, जीर्ण-शीर्ण हालत और गैर कानूनी तौर से कब्जा लिए गए उनको दोबारा स्थापित करना है.


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नगर निगम ने बनाई मंदिरों की लिस्ट
कानपुर मेयर के इस फैसले से विवाद पैदा हो गया है. अब इस बात की चिंता जाहिर की जा रही है कि इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है. कानपुर नगर निगम ने उन 125 मंदिरों की लिस्ट बनाई है, जिन पर ध्यान दिया जाना है. निगम के मुताबिक इन मंदिरों में से ज्यादातर को बर्बाद कर दिया गया है या इनकी मूर्तियों को चुरा लिया गया है. ये मंदिर पहले पूजा के घर हुआ करते थे, लेकिन इनकी अनदेखी की गई और इनकी मरम्मत नहीं की गई. अब इन्हें दोबारा इनकी असली हालत में लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.


क्या बोली कानपुर की मेयर?
परमिला पांडे के मुताबिक "मैं सिर्फ यही चाहती हूं कि भूले बिसरे मंदिरों को फिर से बनाया जाए और उसमें हिंदू लोग पूजा शूरु कर सकें. इन पूजा स्थलों को दोबारा बनाना और इनकी हिफाजत करना जरूरी है." उन्होंने आगे कहा कि "मेरा मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है. मैं उन मंदिरों को दोबारा वजूद में लाना चाहती हूं जो टूट गए या बर्बाद हो गए."


मुसलमानों ने जताया ऐतराज
मेयर के आश्वासन के बावजूद, इस पहल की मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने मुखालफत की है. उनके मुताबिक इस मुहिम से इलाके में सांप्रदायिक सद्भाव खराब हो सकता है. मुस्लिम मौलानाओं ने आशंका जाहिर की है कि इस तरह की कार्रवाई से इलाके में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव पैदा हो सकता है. इलाके के एक मौलाना कहा, "मंदिरों की खोज का अभियान दोनों समुदायों के बीच गैर जरूरी तनाव पैदा कर सकता है. हमने पुलिस से शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए ऐसी गतिविधियों पर पाबंदी लगाने की गुजारिश की है."