कश्मीरी छात्रों को दाढ़ी कटवाने वाले ऑर्डर पर भड़के सिद्धारमैया, प्रिंसिपल से मांगा जवाब!
Karnataka News: जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आश्वासन दिया है कि नर्सिंग और मेडिकल कॉलेजों में किसी भी कश्मीरी छात्र को दाढ़ी नहीं कटवानी पड़ेगी और उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं का सम्मान किया जाएगा.
Karnataka CM on Kashmiri Student Beard Matter: जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय और चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव मोहम्मद मोहसिन ने भरोसा दिया है कि इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हसन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डीन और निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और प्रिंसिपल को औपचारिक चेतावनी दी गई है. मेडिकल शिक्षा अधिकारियों ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में इस तरह के किसी भी मुद्दे से तुरंत निपटा जाए. इसमें कहा गया है कि समय पर किया गया यह हस्तक्षेप देश भर के छात्रों को भेदभाव से मुक्त व्यक्तिगत विश्वास और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के उनके अधिकार का भरोसा दिलाता है.
सीएम ने लिखा सख्त एक्शन
जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने कहा, "हम कर्नाटक सरकार की न्याय, समानता और समावेशित के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं, जो देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक सकारात्मक मिसाल कायम कर रही है." आपको बता दें कि कर्नाटक सरकार का फैसला उस घटना के बाद आया है, जिसमें होलनारसीपुर के सरकारी नर्सिंग कॉलेज में लगभग 30 से ज्यादा कश्मीरी छात्रों को कथित तौर पर दाढ़ी कटवाने के लिए मजबूर किया गया था.
प्रिंसिपल से मांगा जवाब
छात्र संघ ने दोहराया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कार्यालय ने रविवार को साफ किया कि मामला सुलझा लिया गया है. कश्मीरी छात्रों ने लिखित बयान दिए हैं, जो दर्शाते हैं कि मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है. एसोसिएशन ने कहा कि सरकार ने कॉलेज के निदेशक और प्रिंसिपल को भी नोटिस भेजकर घटना पर रिपोर्ट मांगी है. जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और चिकित्सा शिक्षा के प्रधान सचिव के प्रति उनके तुरंत हस्तक्षेप के लिए आभार व्यक्त किया.
दाढ़ी रखने पर नो एंट्री
"मेडिकल कॉलेजों को गलतफहमी और निर्देश और आदेश को रोकने के लिए ऐसे निर्देश जारी करते समय सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है. दाढ़ी बढ़ाने के विकल्प सहित व्यक्तिगत उपस्थिति का अधिकार, किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता और पहचान का एक मूलभूत पहलू है. कॉलेज प्रशासन ने इस उल्लंघन के लिए माफ़ी मांगी है," इसमें कहा गया है. जम्मू और कश्मीर के छात्रों का एक समूह जो हसन जिले के होलेनरसीपुरा तालुक में हसन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें कॉलेज प्रबंधन द्वारा कॉलेज में अपने Clinical Duties को करने के लिए दाढ़ी ट्रिम करने या क्लीन शेव करने के लिए मजबूर करने के बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी. छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज के अधिकारियों ने उन्हें कॉलेज की किसी भी गतिविधि में भाग लेने से रोक दिया है और अगर उन्होंने अपनी दाढ़ी ट्रिम या क्लीन शेव नहीं की तो उन्हें उनके Clinical Duties से अनुपस्थित कर दिया जा रहा है.
दाढ़ी काटने नहीं ट्रीम करने के लिए बोला गया था
छात्रों ने तर्क दिया कि दाढ़ी बढ़ाना उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथा है और उन्होंने दाढ़ी ट्रिम करने या क्लीन शेव करने से इनकार कर दिया. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन ने अपने क्लिनिक कर्तव्यों का पालन करते समय स्वच्छता मानकों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि छात्रों को अच्छी तरह से ट्रिम की हुई या क्लीन शेव दाढ़ी रखने की जरूरत है. उन्हें अपनी दाढ़ी को '01' के माप पर ट्रिम करने के लिए कहा गया, जो 0 से थोड़ा अधिक है. इस मुद्दे पर संकाय और छात्रों के बीच टकराव हुआ, जो डरे हुए थे कि कॉलेज प्रबंधन उनके आंतरिक मूल्यांकन के अंकों में कटौती करेगा और इससे उनके शैक्षणिक परिणाम प्रभावित होंगे. कॉलेज के नर्सिंग छात्रों के समूह ने फिर जम्मू कश्मीर छात्र संघ से संपर्क किया, जिसने बदले में मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा और इस मुद्दे को हल करने के लिए उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया