Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ पर चाहिए और वक़्त; अगले साल आम बजट तक मिली JPC को मोहलत
Waqf Amendment Bill 2024: जगदम्बिका पाल की अगुआई वाली जेपीसी ने बुधवार,27 नवंबर को हुई बैठक के बाद विस्तार मांगने का फैसला किया था. स्पीकर ओम बिरला ने कमेटी के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. लोकसभा ने JPC के कार्यकाल को अगले साल बजट सेशन के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी.
Waqf Amendment Bill 2024: लोकसभा ने गुरुवार को वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति (JPC) का कार्यकाल अगले साल बजट सेशन के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी. कमेटी के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने वक्फ (अमेंडमेंट) बिल से संबंधित संसद की ज्वाइंट कमेटी का रिपोर्ट सबमिट करने का वक्त बजट सेशन 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव सदन में पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई.
जगदम्बिका पाल की अगुआई में बुधवार को हुई कमेटी की बैठक में मेंबरों ने इस संदर्भ में एक प्रपोजल पर सर्वसम्मति से व्यक्त की थी. बैठक में एक प्रपोजल के जरिए से फैसला लिया गया कि कमेटी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से आग्रह करेगी कि उसका कार्यकाल अगले साल बजट सेशन के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाया जाए.
सरकार ने अगस्त में पेश किया था वक्फ बिल
सरकार ने वक्फ बोर्ड को कंट्रोल करने वाले कानून में अमेंडमेंट से संबंधित बिल को इसी साल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था. इस बिल को लेकर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई. इसके बाद इस बिल को स्पीकर ने ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजने का फैसला किया. इस बिल में मौजूदा एक्ट में दूरगामी बदलावों का प्रपोजल रखा गया है, जिनमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है.
बिल के पास होने के बाद क्या-क्या होंगे बदलाव?
वक्फ (अमेंडमेंट) बिल में वक्फ एक्ट, 1995 का नाम बदलकर ‘इंटीग्रेटेड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, दक्षता और डेवलेपमेंट एक्ट, 1995’ करने का भी प्रावधान है. बिल के मकसदों और कारणों के विवरण के मुताबिक, बिल में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई प्रोपर्टी वक्फ संपत्ति है या नहीं. यह अमेंडमेंट बिल केंद्रीय वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्ड की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है.
अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने क्या कहा था?
बुधवार,27 नवंबर को हुई बैठक के बाद कमेटी विस्तार मांगने का फैसला लिया था. इसके बाद कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल कहा था, "कमेटी के भीतर आम सहमति है कि हमने अभी तक कई हितधारकों से बात नहीं की है. उदाहरण के लिए, छह राज्य ऐसे हैं जहां वक्फ बोर्ड और राज्य सरकारों के बीच विवाद है. इसी तरह, वक्फ बोर्ड और केंद्र सरकार के बीच 123 प्रोपर्टी को लेकर विवाद हैं. इसलिए कमेटी कार्यकाल को बढ़ाने के लिए मेंबरों के सुझाव पर विचार करेंगे और गुरुवार 28 नवंबर को इसको लेकर लोकसभा में प्रस्ताव लाएंगे. कमेटी संसद के चालू शीतकालीन सेशन के दौरान अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
विपक्षी मेंबरों ने उठाए थे सवाल
इससे पहले, विपक्षी पार्टियों के न मेंबरों ने जेपीसी बैठक का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया था कि इसकी कार्यवाही एक मजाक बन गई है. दरअसल, बैठक की शुरुआत में जब जेपीसी अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने ने विपक्षी मेंबरों से कहा कि कमेटी को 29 नवंबर तक अपनी कार्यवाही पूरी कर लेनी चाहिए तो सभी विपक्षी मेंबर भड़क गए. हालांकि, विपक्षी मेंबर समय विस्तार मांग वाली बात पर बैठक में वापस आ गए थे.