लंदनः मिस्र मूल के लंदन में रहने वाले अरबपति मुस्लिम कारोबारी मोहम्मद अल-फ़याद का 94 साल की उम्र में 30 अगस्त को निधन हो गया. श्रीमती मोहम्मद अल फ़ायद, उनके बच्चे और पोते-पोतियों ने इस बात की तस्दीक की है कि मोहम्मद का बुधवार, 30 अगस्त, 2023 को निधन हो गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मोहम्मद अल-फ़याद उस वक्त लंदन में चर्चा में आए थे, जब उनका बेटे डोडी फ़ायद का 1997 में वेल्स की राजकुमारी डायना के साथ एक कार दुर्घटना में निधन हो गया था. इस हादसे से बाद  ब्रिटिश शाही परिवार के साथ अल-फ़याद का कुछ दिनों तक शीत युद्ध चला था. अल-फ़याद दशकों तक ये मानते रहे कि उनके बेटे और डायना की हत्या कर दी गई थी. 


कार दुर्घटना में बेटे और डायना की मौत के बाद, अल-फ़याद ने बार-बार ब्रिटिश शाही परिवार को निशाने पर लिया था और इस वजह से देश के कुछ अभिजात वर्ग के बीच वह एक अवांछित व्यक्ति बन गए थे. 
उन्होंने एक बार सीएनएन को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था, “मैं एक ऐसे देश में रहता हूं जहां मुझे आम लोगों और इस देश में रहने वाले लोगों के लिए खेद महसूस होता है. उनके भाग्य और उनके मानवाधिकारों का अपहरण गैंगस्टरों और खुद को प्रतिष्ठान कहने वाले लोगों द्वारा किया जाता है.’’ डायना की मौत की जांच के दौरान उन्होंने शाही परिवार को “ड्रैकुला परिवार“ कहा था. उन्होंने अदालत से वादा किया कि वह मरने तक नहीं रुकेंगे..सच्चाई को उजागर करने के लिए जो कुछ भी करना होगा वह करेंगे. हालांकि, डायना की मौत आजत एक रहस्य ही बनी रही. 


1970 के दशक में यूके जाने के बाद, अल-फ़याद ने वहां के कई बड़े वयापार को खरीद लिया था और लंदन के उच्च समाज में अपनी जगह बनाई थी. वह चार दशकों तक पेरिस के प्रसिद्ध रिट्ज होटल के भी मालिक रहे हैं.


उन्होंने लंदन के दो प्रतिष्ठित संस्थानों हैरोड्स डिपार्टमेंट स्टोर और फुलहम फुटबॉल क्लब को भी टेकओवर कर उनकी किस्मत बदल दी थी.  
1929 में अलेक्जेंड्रिया, मिस्र में पैदा हुए अल-फ़याद का सऊदी लेखक समीरा खशोगी, जो अमीर हथियार व्यापारी अदनान खशोगी की बहन भी हैं, के साथ बेहद अच्छे रिश्ते थे, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया और अपने कारोबार को आगे बढ़ाया। उन्होंने कई वर्षों तक ब्रिटिश नागरिकता के लिए सार्वजनिक रूप से लड़ाई लड़ी. यह लड़ाई तब शुरू हुई जब रोलैंड ने उनसे सवाल किया कि उनके पास पैसा कहाँ से आता है? फिर, 1994 में, उन्होंने उन ब्रिटिश विधायकों का नाम लिया, जिन्होंने उनकी तरफ से संसद में प्रश्न पूछने के बदले में उनसे पैसे लिए थे, जिससे राजनीतिक संकट पैदा हो गया था. 


Zee Salaam