Nuh Riots: मुस्लिम इमाम हत्याकांड के आरोपियों को रिहा करने का दबाव, पुलिस को दिया इतने दिन का अल्टीमेटम
Nuh Riots: नूंह हिंसा में नया मोड़ आया है. यहां पर महापंचायत ने पुलिस से उन आरोपियों को रिहा करने की मांग की है जिन्होंने मुस्लिम इमाम का कत्ल किया था.
Nuh Riots: रविवार को तिगरी गांव में एक 'महापंचायत' आयोजित की गई. इसमें 1 अगस्त को एक मुस्लिम मौलवी की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए युवकों की रिहाई की मांग की गई. महापंचायत ने आरोपी युवकों को रिहा करने के लिए पुलिस को सात दिन का अल्टीमेटम दिया है. पंचायत ने सेक्टर-57 में अंजुमन मस्जिद को हटाने की भी मांग की क्योंकि यह क्षेत्र हिंदू बहुल है.
26 साल के नायब इमाम मोहम्मद साद को पिछले हफ्ते मंगलवार को कत्ल कर दिया गया थआ. गुरुग्राम में मौजूद अंजुमन मस्जिद पर भीड़ ने हमला किया था इसके बाद उनका कत्ल कर दिया गया था. यह हमला गुरुग्राम से सटे नूंह के खडली चौक पर विश्व हिंदू परिषद के जुलूस पर पथराव के कुछ घंटों बाद हुआ.
पंचायत ने मामले पर नज़र रखने के लिए 101 लोगों की एक समिति बनाई. इसे इस अल्टीमेटम के साथ खत्म किया गया कि अगर युवाओं को रिहा नहीं किया गया तो एक 'बड़ा फैसला' लिया जाएगा.
नगर निगम गुरुग्राम के निवर्तमान पार्षद महेश दायमा ने कहा कि समिति मस्जिद हत्याकांड में गांव से गिरफ्तार किए गए चार युवकों को रिहा करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सोमवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपेगी. उन्होंने आगे कहा कि सभी विधायकों और मंत्रियों को भी इन्हीं मांगों के साथ एक ज्ञापन दिया जाएगा. पंचायत की एक मांग यह भी थी कि पुलिस को गांव में घुसने और लगातार छापेमारी करने पर रोक लगाई जाए.
तिगरा गांव में मोहम्मदपुर गांव के सरपंच अत्तर सिंह की अध्यक्षता में महापंचायत हुई. धारा 144 लागू होने के बावजूद आसपास के 100 से अधिक गांवों के करीब 700 लोग इसमें शामिल हुए. इसके सदस्यों में सोहना के वर्तमान और पूर्व विधायक, संजय सिंह और तेजपाल तंवर. ये दोनों भाजपा से हैं. पंचायत में कई पार्षद और सरपंच शामिल थे.