Maharashtra Waqf Board: महाराष्ट्र सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए वक्फ बोर्ड को 2 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने विरोध किया है. जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यक विकास विभाग के एक सरकारी प्रस्ताव के मुताबिक, वक्फ बोर्ड को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अल्पसंख्यक कल्याण के लिए निर्धारित 10 करोड़ रुपये में से 2 करोड़ रुपये मिलेंगे. 10 जून को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से परिपत्र जारी किया गया. यह परिपत्र महाराष्ट्र सरकार में उप सचिव मोइन तशलीदार की तरफ से जारी किया गया.


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VHP ने जताई नाराजगी
इंडिया टुडे ने VHP के कोंकण संभाग सचिव मोहन सालेकर के हवाले से लिखा है कि वो "वक्फ बोर्ड को धन आवंटित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हैं." "महायुति सरकार वह कर रही है जो कांग्रेस सरकार ने भी नहीं किया. धार्मिक समुदाय का तुष्टिकरण. अगर इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो महायुति दलों को स्थानीय निकायों और विधानसभा के आगामी चुनावों में हिंदुओं के गुस्से का सामना करना पड़ेगा." 


संपत्तियों का किया निरीक्षण
मौजूदा आवंटन 2007 में गठित वक्फ पर संयुक्त संसदीय समिति का नतीजा है. समिति ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के कामकाज और उसकी संपत्तियों का निरीक्षण किया. इस दौरे के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बोर्ड को अनुदान देने का वादा किया, जिसके बाद बजट आवंटन किया गया. 


मुस्लिमों में खुशी
इस बीच, मुफ्ती मंजूर जियाई ने कहा, "हमें खुशी है कि सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए आवंटित धन का 20 प्रतिशत वक्फ बोर्ड को देने की मंजूरी दे दी है. अब इस धन का इस्तेमाल समुदाय की बेहतरी के लिए किया जा सकता है. इस फैसले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव से पहले ही इस उद्देश्य के लिए धन निर्धारित कर दिया गया था." विहिप के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा, "वे विरोध कर सकते हैं. उन्हें किसने रोका है? वे इस सरकार को लेकर आए हैं."