Sambhal News: देशभर में 3 नवंबर को भैया दूज का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान संभल में बीजेपी नेता और शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने एक मदरसा संचालक फिरोज खान को तिलक लगाया. जिसके बाद बवाल मच गया. मदरसा संचालक पर इस्लामिक स्कॉलर ने गुस्सा जाहिर किया और उसे नसीहत देते हुए फतवा जारी कर दिया. 


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मौलाना इश्तिखार ने फतवा जारी करते हुए कहा कि तिलक लगाना गैर मजहबी है. मदरसा संचालक को इस्लाम से बाहर निकाल देना चाहिए. मदरसा संचालक को इस्लाम से खिलवाड़ करने के लिए तौबा करनी चाहिए. 


तिलक लगाने पर लोग हो जाते हैं इस्लाम से खारिज?
मौलाना इश्तिखार ने जी मीडिया से बात करते हुए कहा कि सबके लिए सबसे पहले दीन और अपना धर्म सीखना जरूरी है, भाईचारा या आपसी संबंध बनाए रखना, बातचीत करना, ये सब बातें बताई जा सकती हैं, लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जो आपके धर्म से जुड़ी हैं और कुछ बातें भारत से जुड़ी हैं, यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है यहां सबको अपने-अपने धर्म को मानने की आजादी है, लेकिन जो लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं और तिलक लगाते हैं, वो इस्लाम से खारिज हो जाते हैं.


तिलक लगाने से टूट जाता है निकाह
मदरसा संचालक फिरोज खान को तिलक लगाने के सवाल पर मौलाना ने कहा कि अगर किसी ने ऐसा किया है तो यह हराम है. ऐसे व्यक्ति को तौबा करने की जरूरत है. अगर वह शादीशुदा है तो उसका निकाह टूट जाता है और उसके लिए दोबारा निकाह करना जरूरी हो जाता है. उसने आज से पहले जो भी कर्म किए हैं, अगर वह उन्हें नहीं करता है तो वह सब खत्म हो जाते हैं. हर मुसलमान को अपने धर्म को किसी दूसरे मामले में नहीं उलझाना चाहिए, न ही उसकी तुलना करनी चाहिए और न ही यह कहना चाहिए कि उनके हिसाब से हम कट्टरपंथियों के खिलाफ हैं.


मदरसा संचालक ने लगा दी फतवा देने वालों की क्लास
वहीं मदरसा संचालक ने सभी कट्टरपंथियों को कड़ी फटकार लगाई है. जी मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाई दूज के मौके पर मैं सभी देशवासियों को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और यह भी कहना चाहता हूं कि इस्लाम में कट्टरता नहीं है. अगर कोई मंदिर जाता है तो उसे बेवजह परेशान नहीं किया जाना चाहिए. इस्लाम शांति, प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है.


क्या है पूरा मामला
3 नवंबर को देशभर में भैया दूज का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीजेपी नेता और शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने मदरसा संचालक फिरोज खान को तिलक लगाया. जिसके बाद मदरसों के मौलाना और इस्लामिक विद्वान भड़क गए और उन्होंने मदरसा संचालक के खिलाफ फतवा जारी कर दिया.