Waqf Amendment Bill: आज वक्फ अमेंडमेंट बिल पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक होनी थी, लेकिन कुछ टेक्निकल दिक्तों की वजह से एस टाल दिया गया है. वक्फ अमेंडमेंट बिल पर जो मीटिंग 18 सितंबर को होने वाली थी वह अब 19 और 20 सितंबर को होगी. यह मीटिंग संसद में होनी थी. इस मीटिंग में अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारी वक्फ अमेंडमेंड विधेयक पर सबूतों को जमा करते. संसदीय समित विधेयक पर जानकारों की बात सुनते.


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अमित शाह ने कहा लागू करें वक्फ विधेयक
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि वक्फ अमेंडमेंट विधेयक को आने वाले दिनों में पास किया जाएगा. अमित शाह ने बीते रोज एक प्रेस कांफ्रेंस में ये बात कही थी. आपको बता दें कि संसदीय समिति की चौथी मीटिंग बीते 6 सितंबर को हुई थी.


QR के जरिए मेल
इससे पहले संसदीय समिति ने जनकारों से वक्फ संशोधन विधेयक पर उनकी राय मांगी थी. इसके बाद देश के मुसलमान समिति को QR के जरिए मेल भेजने लगे थे. इसके जवाब में कुछ हिंदूवादी संगठनों ने भी QR के जरिए वक्फ संशोधन विधेयक का सपोर्ट करने के लिए मेल भेजना शुरू कर दिया. 


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क्या है वक्फ बोर्ड
आपको बता दें कि 'वक्फ बोर्ड' अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन, एक सांविधिक निकाय है. इसका काम वक्फ प्रॉपर्टी जिसे मुसलमान दान कर देते हैं, उसकी जानकारी रखना है. देश की कई मस्जिदें, दरगाहें और कब्रिस्तान इसी के तहत आते हैं.


वक्फ बोर्ड पर सरकार का मत
सरकार ने 8 अगस्त को संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था. इस पर सरकार का मत है कि बोर्ड के कामकाज में सुधार के लिए और संपत्तियों के कुशल प्रबंधन के लिए सरकार ये बिल लेकर आई है. अल्पसंख्यक मंत्रालय के मुताबिक संशोधन के जरिए वक्फ संपत्तियों को आसानी से विनियमित किया जा सकेगा.


वक्फ विधेयक पर हंगामा क्यों?
वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने वालों का कहना है कि वक्फ बोर्ड में संशोधन के जरिए सरकार वक्फ की जमीन पर कब्जा करना चाहती है. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल किए जाने के प्रस्ताव की भी मुखालफत हो रही है. इसके अलावा वक्फ बोर्ड की ताकत कलेक्टर को दिए जाने पर भी सवाल खड़ा किया जा रहा है.