बकरीद पर तेलंगाना में मदरसे पर हमला; मुसलमानों की दुकानों में भी तोड़फोड़ का इल्जाम
Violence on Bakrid: बकरीद से एक दिन पहले तेलंगाना के मेदक कस्बे में एक मदरसे पर हमला किया गया. इल्जाम है कि आरएसएस और हिंदू वाहिनी के लोग मदरसे में कुर्बानी के खिलाफ थे. मदरसे के बाद यहां अस्पताल पर भी हमला किया गया.
Violence on Bakrid: तेलंगाना के मेदक कस्बे में शनिवार को कुछ लोगों ने मदरसे पर इसलिए हमला कर दिया क्योंकि यहां बकरीद के मौके पर कुर्बानी का इंतेजाम किया गया. हमले में कई लोग घायल हो गए हैं. 'मदरसा मेराज-उल-उलूम' इंतेजामिया ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए कई जानवर खरीदे. जैसे ही वह मसदरसे के अंदर जानवर लेकर आए, वैसी ही मदरसे के पास भीड़ जमा हो गई और कुर्बानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगी.
अस्पताल पर हमला
इस दौरान, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विधायक एम कौसर मुहिउद्दीन ने इल्जाम लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और हिंदू वाहिनी के हजारों सदस्यों ने मदरसे पर हमला किया और मदरसा प्रबंधकों को जख्मी कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि जब घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया तब भीड़ ने अस्पताल को घेरा और उस पर हमला किया.
ओवैसी का दिया हवाला
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कौसर ने लिखा कि "AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मेदक कस्बे में शांति बनाने के लिए पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. हमने मेदक के एस पी और दूसरे अफसरों से बात की है." उन्होंने आगे लिखा कि "इंद्रापुरी कॉलोनी में मौजू मदरसा मेराज-उल-उलूम की तरफ से कुर्बानी का इंतेजाम किया गया लेकिन आरएसएस और हिंदू वाहिनी ने इसका विरोध किया."
मुस्लिम प्रॉपर्टीज पर हमला
मुहिउद्दीन के मुताबिक "मदरसे पर हमले के बाद मेदक पुलिस स्टेशन के सामने हड्डियों के अस्पताल को हिंदू वाहिनी और भाजपा सदस्यों की तरफ से घेरा गया. भाजपा सदस्यों की तरफ से इलाके में एक जुलूस निकाला गया. जुलूस ने दुकानों और दूसरी जगहों को नुकसान पहुंचाया. हनी बेकरी और दूसरी मुस्लिम प्रॉपर्टीज को नुकसान पहुंचाया गया."
पहले भी हुए हमले
विधायक कौसर ने बताया कि इसी तरह का मामला हनुमान जयंती के मौके पर हुआ था. इस दौरान कई मुसलमानों पर हमला किया गया था और उनकी दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया था. उन्होंने इलाके में शांति भंग करने और दंगा भड़काने के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इल्जाम लगाया कि इस तरह के दंगे तभी होते हैं जब भाजपा सत्ता में आती है.