UP News: क्या `पैगंबर ऑफ इस्लाम बिल` संसद में होगा पेश? मौलाना ने की बड़ी मांग
UP News: यति नरसिंहानंद ने पिछली 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद देश भर में महंत के खिलाफ प्रोटेस्ट जारी है. इस बीच मौलाना ने बड़ी मांग की है.
UP News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में मौजूद डासना मंदिर यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद (SAW) के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसके बाद देश भर में हंगामा मच गया था. इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी आज यानी 7 अक्तूबर को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पैगंबर का अपमान करने वाले यति नरसिंहानंद के खिलाफ NSA की कार्रवाई की जानी चाहिए और देश में मुसलमानों के खिलाफ दिए, जा रहे इस तरह के बेलगाम भड़काऊ बयानों पर रोक लगाई जानी चाहिए.
नए सेशन में पेश किया जाए "पैगंबर ऑफ इस्लाम बिल"
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि मुसलमानों को पैगंबर की जाति पर अगाध आस्था है और मुसलमानों के लिए उनकी जान, संपत्ति और दुनिया में कोई भी पद उनके सम्मान और सम्मान के सामने कोई महत्व नहीं रखता है. यति नरसिंह नंद से पहले नासिक के बाबा रामगिरी, तेलंगाना के ए राजा और दिल्ली की नूपुर शर्मा भी इसी तरह के अपमानजनक बयान दे चुके हैं. इसलिए मैं भारत सरकार और सभी राजनीतिक दलों से मांग करता हूं कि संसद के नए सेशन में "पैगंबर ऑफ इस्लाम बिल" पेश किया जाए.
मुस्लिम सांसदों से मौलाना ने क्या की गुजारिश
उन्होंने आगे कहा कि अगर सख्त कानून बनता है तो कोई भी व्यक्ति पैगंबर का अपमान करने की हिम्मत नहीं करेगा. मैं पार्लियामेंट के मुस्लिम सदस्यों से भी गुजारिश कर रहा हूं कि वे व्यक्तिगत रूप से संसद में प्रस्ताव पेश करें. इससे उनका खुद का आत्मविश्वास और सम्मान बढ़ेगा और समाज और देश को बांटने वाली ताकतों के हौसले पस्त होंगे.
मौलाना ने अपील की कि भारत के सभी मुस्लिम संगठन और संस्थाएं, मदरसों और मस्जिदों से जुड़े उलमा और इमाम के साथ समाज का नेतृत्व करने वाले मुस्लिम नेता अलग-अलग जगहों से पीएम नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लेटर लिखें और 'पैगंबर ऑफ इस्लाम बिल' को पारित करवाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करें. यह काम इतना बड़ा है कि किसी एक व्यक्ति या संगठन के बस की बात नहीं है. अगर सभी लोग मिलकर अपनी आवाज बुलंद करें और अपने हक की बात करें तो सरकार जरूर सुनेगी.
मौलाना की ये बड़ी मांग
मौलाना ने सरकार से मांग की कि वह नौकरशाही के माध्यम से हो रही इस अराजकता पर फौरन नियंत्रण करे और सिर्फ निवारक कदम ही न उठाए बल्कि इस मामले पर गंभीरता से विचार करते हुए गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार को सभी धर्मों को समान सम्मान देने की प्रथा को लागू करना चाहिए. मुस्लिम समुदाय में बेचैनी और परेशानी लगातार बढ़ रही है, सुप्रीम कोर्ट को ऐसे मामलों का खुद संज्ञान लेना चाहिए और कोई महत्वपूर्ण फैसला देना चाहिए.
पीएम को लेकर मौलाना ने क्या कहा?
मौलाना ने कहा कि एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री मुस्लिम जगत के साथ अच्छे संबंध रखते हैं और कई मुस्लिम देशों ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है, वहीं दूसरी तरफ कुछ असामाजिक तत्व इस्लाम के पैगंबर का अपमान करके मुस्लिम जगत में भारत और भारत के प्रधानमंत्री की छवि को खराब करने में लगे हुए हैं.