Mukhtar Abbas Naqvi on Waqf Board: सरकार पार्लियामेंट में वक्फ बोर्ड में संसोधन बिल लाने की तैयारियों में जुट गई है. ऐसे में देश की सियासत गरमाया हुआ है. वक्फ बोर्ड बिल को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन औवैसी समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने सरकार की आलोचना की है. अब पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "वक्फ सिस्टम को सियासत से बाहर आना होगा."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नकवी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "वक्फ सिस्टम को टच मी नॉट की सनक-सियासत से बाहर आना होगा, समावेशी सुधार पर सांप्रदायिक वार ठीक नहीं है."


ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने क्या कहा?
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा, "वक्फ बोर्ड की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." इसके साथ ही उसने एनडीए के सहयोगी दलों और विपक्षी दलों से भी अनुरोध किया है कि वे इस तरह के किसी भी कदम को पूरी तरह से खारिज करें और संसद में इस तरह के संशोधनों को पारित न होने दें.


सपा सांसद ने क्या कहा?
इससे पहले रामपुर से सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा था, ''वक्फ बोर्ड संशोधन का तरीका गलत है. इससे दुनिया में देश की छवि खराब होगी.'' इसके साथ ही रामपुर सांसद ने वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव की तुलना कृषि कानूनों से की गई. नदवी ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों की तरह ही इस बिल को लाना चाहती है. कृषि के लिए काले कानून भी उसी तरह रातों-रात लाए गए. वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपना बताता है. ऐसा नहीं है. इसके लिए एक प्रक्रिया होती है.''


अब महिला भी हो सकती है वक्फ बोर्ड के सदस्य
जराए के मुताबिक, सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने जा रही है ताकि उनके कामकाज में ज्यादा जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और इन निकायों में महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य बनाई जा सके. मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठ रही मांगों की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है. जराए ने दावा किया है कि आज लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया जाएगा.