Muzaffarnagar School Slapping Incident: पिछले साल अगस्त के महीने में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक टीचर ने अपने छात्रों को होमवर्क न करने पर एक मुस्लिम सहपाठी को थप्पड़ मारने का आदेश दिया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इस मामले में मुजफ्फरनगर पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अब इस मामले में एक बड़ा अपडेट आया है.


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अग्रिम जमानत याचिका खारिज
मुजफ्फरनगर की एक विशेष अदालत ने एक मुस्लिम स्टूडेंट को थप्पड़ मारने के मामले में एक स्कूल शिक्षक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत गठित एक अदालत की विशेष न्यायाधीश अलका भारती ने जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आरोपी ऐसी राहत के लिए वास्तविक आधार प्रदान करने में विफल रहा है.


पीड़ित पक्ष ने जमानत का किया विरोध
इससे पहले, पीड़िता के वकील कामरान जैदी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि त्यागी के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं है. अभियोजन पक्ष ने पीड़िता के पिता इरशाद द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की जांच के बाद त्यागी के खिलाफ धारा 323 (स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाना) और भारतीय दंड संहिता और किशोर न्याय अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत आरोप दायर किए थे. 


सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई थी फटकार
यह घटना अगस्त 2023 में एक वीडियो सामने आने के बाद सामने आई, जिसमें त्यागी अपने छात्रों को एक मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने का निर्देश देते हुए और सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए दिखाई दे रही थीं. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इसके बाद मामला इतना बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी.