मुसलमानों को मिला शरद पवार का साथ; कहा- `किसी भी कीमत पर पारित नहीं होने देंगे वक्फ संशोधन विधेयक`
Sharad Pawar on Waqf Bill: इन दिनों वक्फ संशोधन विधेयक पर मुस्लिम संगठन विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं. ऐसे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के डेलिगेशन ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार से मुलाकात की है और उनसे इस बिल को खारिज करने की मांग की है.
Sharad Pawar on Waqf Bill: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य शरद पवार से रविवार को उनके घर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के डेलिगेशन ने मुलाकात की. इस दौरान डेलीगेशन ने वक्फ संशोधन बिल-2024 के ताल्लुक से एक ज्ञापन सौंपा और बिल को खारिज करने की मांग की. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के डेलिगेशन ने शरद पवार से कहा कि वक्फ संशोधन बिल-2024 भारत के संविधान के खिलाफ है. बोर्ड के महासचिव एमएल फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने पवार को बताया कि यह झूठा दावा किया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड की तरफ से दावा की गई कोई भी जमीन या संपत्ति स्वचालित रूप से इसकी संपत्ति बन जाती है.
सरकार के कब्जे में जमीन
फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने कहा कि वास्तविकता यह है कि वक्फ की हजारों एकड़ जमीन अन्य लोगों सहित केंद्र और राज्य सरकारों के अवैध कब्जे में है, और उन्हें वापस पाने के लिए सालों से कोशिश की जा रही है. हालांकि, इस विवादित बिल के पारित होने के बाद, सभी जमीन वक्फ बोर्ड के कब्जे से छीन ली जाएंगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्फ अधिनियम (1995) के तहत, ऐसे विवादों को निपटाने के लिए एक बहु स्तरीय न्यायिक प्रणाली है. वक्फ ट्रिब्यूनल के बाद, उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है. लेकिन इस संशोधन के साथ, सभी न्यायिक मामले जिला कलेक्टर/डीएम को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे. देश का कोई भी कलेक्टर सरकार के खिलाफ फैसला लेने का साहस नहीं करेगा.
गैर मुस्लिम को शामिल करने की मुखालफत
डेलिगेशन ने वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों के शामिल किए जाने और CEO के पद के लिए मुस्लिम होने की जरूरत को हटाने के प्रस्ताव का भी कड़ा विरोध किया. बिल की दूसरी कमियों को उजागर करते हुए महासचिव ने कहा कि हम मानते हैं कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने के इरादे से पेश किया गया है, जो हमारे लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है. बिल में किसी भी संशोधन के बजाय मुसलमान इसे खारिज करते हैं. डेलिगेशन ने शरद पवार से मांग की कि उनकी पार्टी और इंडिया गठबंधन सरकार पर दबाव डालें ताकि बिल वापस लिया जा सके.
बिल नहीं पारित होने देंगे
शरद पवार ने मुस्लिम प्रतिनिधियों को यकीन दिलाया कि हम किसी भी हालत में इस बिल को संसद में पारित नहीं होने देंगे. बोर्ड के महासचिव ने पवार को इस आश्वासन के लिए धन्यवाद दिया.
डेलिगेशन में मुंबई के मुस्लिम समुदाय की प्रमुख हस्तियां शामिल थीं. इनमें मौलाना महमूद अहमद खान दरियाबादी, अबू आसिम आज़मी, डॉ. जहीर काजी, मुफ्ती सईदुर रहमान, सलीम मोटरवाला, शिया धर्मगुरु मौलाना रूह ज़फ़र, शाकिर शेख, मौलाना अनीस अहमद अशरफी, मौलाना बुरहानुद्दीन कासमी, डॉ. अलीमुद्दीन, हाफिज इकबाल चूनावाला, नईम शेख और साहिल सूबेदार शामिल थे.