Nuh Violence: हिरयाणा के नूंह हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी है. नूंह में इसी सप्ताह में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. सूत्रों ने बताया कि नूंह कस्बे में नलहर मेडिकल कॉलेज के आसपास 2.6 एकड़ जमीन पर अवैध निर्माण को शनिवार को ध्वस्त कर दिया गया.


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पुलिस के अधिकारी ने कहा, "सोमवार को (बजरंग दल-विश्व हिंदू परिषद) जुलूस के दौरान हुई हिंसा में कुछ अवैध मकान के मालिक भी शामिल थे." नूंह के एक मुस्लिम निवासी ने कहा, "जुलूस के दौरान भड़काऊ नारे लगाने वाले बजरंग दल और वीएचपी के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस निर्दोष लोगाों की मकानों को गिरा रही है."


एक मकामी ने नाम न बताने के शर्त पर टेलीग्राफ से कहा, "अधिकारियों ने केवल मुसलमानों के घरों और दुकानों को ध्वस्त करके इस बुलडोजर न्याय की शुरुआत की है. उन्होंने हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों और रैली में खुलेआम हथियार लहराने वालों का एक भी घर क्यों नहीं तोड़ा? यह हिंदुत्व समूहों को खुश करने के लिए किया जा रहा है. जो कई वर्षों से यहां मौजूद सामाजिक सद्भाव और सांप्रदायिक सौहार्द को खत्म करने पर तुले हुए हैं."


निर्माण मजदूर के रूप में काम करने वाले एक हिंदू मकामी ने कहा, "हिंसा की वजह से दोनों समुदायों के गरीब लोगों को नुकसान हुआ है. मैं अपनी बीवी और तीन बच्चों के साथ इलाका छोड़कर मध्य प्रदेश में अपने गांव वापस जा रहा हूं. मैं पिछले तीन सालों से यहां काम कर रहा हूं और नूंह में एक छोटा सा घर किराए पर लिया है. हम गरीब लोग हैं और हमें एक-दूसरे से कभी कोई परेशानी नहीं हुई. राजनीति ने हमारा भाईचारा खराब कर दिया. कई गरीब हिंदू जो नूंह में बस गए थे और ड्राइवर, राजमिस्त्री, रसोइया और मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. वे भाग रहे थे क्योंकि यह इलाका अब सुरक्षित नहीं है.


पुलिस ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे नूंह शहर में बजरंग दल और वीएचपी के कार्यकर्ताओं द्वारा अपमानजनक नारे लगाते हुए जुलूस निकालने के बाद भड़की हिंसा में दो होम गार्ड समेत छह लोगों की मौत हो गई थी.


बता दें कि बुधवार और गुरुवार को अधिकारियों ने अल्पसंख्यक बहुल नूंह में बांग्लादेश से आए अवैध अप्रवासियों की लगभग 250 झोपड़ियों पर बुलडोज़र चला दिया था. मंगलवार को भीड़ द्वारा मुस्लिम प्रवासियों के कई घरों और दुकानों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई और उन्हें क्षेत्र से बाहर नहीं जाने पर हिंसा की धमकी दी गई. उनमें से कई पहले ही भाग चुके हैं.


हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा, "उनके पास सोमवार को निकाले गए धार्मिक जुलूस के मद्देनजर संभावित तनाव के किसी भी खुफिया इनपुट के बारे में जानकारी नहीं थी." 


एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के दौरान किए गए सीआईडी इंस्पेक्टर के कथित दावों का जिक्र करते हुए गृहमंत्री विज ने कहा, "एक वीडियो वायरल हो रहा है और इसकी जांच होनी चाहिए कि अधिकारी ने किसके साथ खुफिया जानकारी साझा की थी. अगर उनके पास जानकारी थी तो उन्होंने इसे किसके साथ साझा किया?" 


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