PM Modi on Muslim Women:  हाल ही में हज की यात्रा संपन्न हुई है. इस यात्रा में भारत से लाखों की तादाद में हज करने पहुंचीं. लेकिन इनमें से 4 हजार औरतें बिना महरम के हज करने गईं. इस बात का खुलासा पीएम मोदी ने 30 जुलाई यानी आज मन की बात में किया. पीएम मोदी ने का कहा कि अच्छी तरह से हज पूरा कराने के लिए भारत सरकार ने सऊदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है. पीएम मोदी के मुताबिक इन महिलायों की देख-रेख के लिए खात इंतेजमा किए गए थे. पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं ने उन्हें खत लिख कर उनका शुक्रिया अदा किया है. पीएम मोदी का कहना है कि हज की पॉलिसी में बदलाव से महिलाओं को फायदा मिल रहा है.


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क्या है महरम?


इस्लाम में महरम उस शख्स को कहा जाता है जो बाहरी होता है. जिससे निकाह नहीं हो सकता. जैसे भाई, बाप, बेटा, चाचा, मामू, दादा, नाना, ताऊ, पोता और नाती . गैर महरम उसे कहते हैं जिससे किसी लड़की का निकाह हो सकता है. जैसे दूर के रिश्तेदार. इस्लाम में यह मान्यता है कि इन करीबी रिश्तेदारों के अलावा दूसरे रिश्तेदारों, जानकार और अनजान पुरूषों से बात करना गलता है.


इसलिए जरूरी थे महरम


दरअसल इस्लामी शरियत में यह है कि अगर कोई औरत हज करने जा रही है तो उसके साथ महरम होना लाजमी है. इसकी वजह यह थी कि जब जहाज नहीं चलते थे तो हज का सफर काफी लंबा था. भारत से पैदल सऊदी अरब जाना होता है. यह काफी थकाऊ था. इसलिए महरम का होना जरूरी करार दिया गया. इसके बाद पानी के जहाज ने इस सफर को आसान कर दिया. फिर भी समुद्री लुटेरों का खतरा बना रहता था. हज के सफर में अगर कोई औरत जा रही होती थी तो उसके साथ संरक्षक (महरम) होना जरूरी होता था.


नहीं है महरम की शर्त


अब सऊदी अरब जाना काफी आसान हो गया है. लुटेरों का कोई खौफ नहीं है. सऊदी अरब में भी औरतों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किए गए हैं. गैर मर्द से असुरक्षा का कोई मामला नहीं है. इसलिए सऊदी सरकार ने हज पर आने वाली महिलाओं के लिए महरम की शर्त को हटा दिया है. इसके बाद इसी साल जनवरी में भारत सरकार ने भी हज पॉलिसी में बदलाव किया और महरम की शर्त हटा दी. इसके अब नियम यह है कि कोई भी औरत अकेली या किसी भी पुरूष के साथ सऊदी अरब हज के लिए जा सकती है.