Haldwani Violence 2024: उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा के कथित मुल्जिम के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है. हाल ही में उत्तराखंड पुलिस ने मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. मलिक पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई हो रही है. अब वह तीन महीने तक जमानत के लिए अप्लाई नहीं कर सकता है. 


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6 लोगों की हुई मौत
हल्द्वानी के बनफूलपुरा में एक मदरसा को गिराए जाने को लेकर हिंसा हुई थी. हिंसा में पुलिस और मकामी लोगों के दरमियान झड़प हुई थी. बताया जाता है कि 6 लोगों की मौत हुई थी और तकरीबन 300 लोग घायल हुए थे. इसके साथ ही 100 से ज्यादा सरकारी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. इसके बाद यहां तकरीबन 12 दिन तक कर्फ्यू लगा दिया गया था. 


इलाके में कर्फ्यू
यहां हालात इतने बगड़ गए थे कि प्रशासन को यहां केंद्र से फोर्स मंगाने के लिए खत लिखना पड़ा था. हिंसा के लिए अब्दुल मलिक को जिम्मेदार ठहराया गया. इसके बाद पुलिस ने अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के खिलाफ आतंकवाद की धाराएं लगाईं. उसके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की भी धाराएं लगाईं. 


क्या है UAPA?
जानकारों का कहना है कि किसी के खिलाफ UAPA तब लगाया जाता है जब कोई शख्स भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा संप्रभुता को खतरे में डालने का इरादा रखता है. इसके साथ जब कोई शख्स भारत में आतंक फैलाने के इरादे से गैरकानूनी गतिविधियां करता है. अगर कोई शख्स बम धमाका करता है या जाली नोटों का कारोबार तरता है तो भी उसके खिलाफ UAPA लगाया जाता है. इस धारा के तहत अगर कोई शख्स दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल से लेकर उम्रकैद तक सजा हो सकती है. 


नहीं होगी जमानत
जानकारी के मुताबिक अब्दुल मलिक के खिलाफ 16 धाराएं लगाई गई हैं. उन पर लगे UAPA की वजह से उन्हें 3 महीने तक जेल में रहना पड़ेगा. इसका मतलब यह है कि उन्हें 90 दिनों तक कोर्ट से जमानत नहीं मिल सकती है. नैनीताल के SSP पीएन मीणा के मुताबिक UAPA के तहत कार्रवाई हो रही है.