अमेठी: उत्तर परदेश के अमेठी में मुहर्रम के जुलूस के दौरान भड़काऊ नारे लगाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.  पुलिस के मुताबिक यह घटना रविवार को उस वक़्त हुई जब मुसाफिरखाना इलाके में जुलूस निकाला जा रहा था. पुलिस ने बताया कि जैसे ही जुलूस मुसाफिरखाना थाने के पास से गुजरा, उसमें शामिल कुछ युवकों ने कथित तौर पर भड़काऊ नारे लगाए.  जैसे ही मुसाफिरखाना कोतवाली के सामने जुलूस पहुंचा, जुलूस में मौजूद युवकों के द्वारा "हिंदुस्तान में रहना है तो या हुसैन कहना है" के आपत्तिजनक नारे लगाए. इस जुलूस में अमेठी पुलिस के जवान भी मौजूद थे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. 
पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


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वहीँ, बिहार में जुलूस के दौरान फिलिस्तीन का झंडा लहराए जाने का भी मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने कुछ नौजवानों को हिरासत में भी लिया है. 


 इस बीच, बाबूगंज सागर आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी महाराज ने मुहर्रम के जुलूस में नारेबाजी की कड़ी निंदा की है. कई दूसरे हिंदूवादी संघटनों ने भी इस तरह के नारों और फिलिस्तीन के झंडे लहराए जाने की आलोचना की है. 


उलेमा ने ऐसे नारों की आलोचना की 


अमेठी में मोहर्रम के जुलूस के दौरान लगाए गए नारों का बरेली के उलमाओं ने तीखा विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि मोहर्रम के जुलूस के दौरान जो यह नारे लगाए गए जो बेहद गलत है. उन्होंने युवाओं को नसीहत देते हुए इस तरह के नारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की बात कही है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेली ने पूरे देश के युवाओं से यह अपील की है कि मोहर्रम के जुलूस में जो भी नारे लगे हैं, वह इमाम हुसैन की याद में लगने चाहिए न कि आपसी बैर फैलाने वाले होने चाहिए.