Waqf Amendment Bill: कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्य और पार्टी सांसद इमरान मसूद से अजमेर में मुलाकात की और वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित जेपीसी के सदस्य और सांसद इमरान मसूद के एक दिवसीय अजमेर प्रवास के दौरान कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम नेताओं और मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर ज्ञापन सौंपा.


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मुसलमान संशोधन के खिलाफ
ज्ञापन में बताया गया है कि कि मुसलमान संशोधन की मुखालफत करते हैं, क्योंकि वक्फ मुसलमानों का धार्मिक मामला है और उसमें गलत नीयत के साथ संशोधन किए जा रहे हैं. उसमें कहा गया है कि वे सरकार को इस बात की इजाजत नहीं देंगे कि वे उनके धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी करें. संयुक्त संसदीय दल के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को संबोधित ज्ञापन में कहा कि संविधान मुसलमानों को इस बात की इजाजत देता है कि वे अपने धर्म के मुताबिक आचरण करें. इसमें इल्जाम लगाया गया है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है, इसलिए "हम इसकी मुखालफत करते हैं." 


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ज्ञापन में क्या है?
ज्ञापन में बताया गया कि वक्फ कानून में संशोधन की कोई जरूरत नहीं है, 2013 में इसमें काफी संशोधन हुए थे और वे काफी हैं. हालांकि उसमें भी मुसलमानों की पूरी बात शामिल नहीं हो पाई थी. उन्होंने कहा, "वक्फ पूरी तरह से धार्मिक मामला है और इसमें किसी का हस्तक्षेप ठीक नहीं होगा."


क्या है मामला?
आपको बता दें कि 8 अक्टूबर को संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया. इस विधेयक में वक्फ बोर्ड में औरतों और गैर मुस्लिमों को शामिल करने जैसे प्रावधान हैं. इस पर मुसलमान और विपक्षी सांसद ऐतराज जताया. इसके बाद इस विधेयक को संसदीय कमेटी के पास भेद दिया गया है. यह कमेटी इस विधेयक पर बिचार कर रही है.