असम में AIUDF और कांग्रेस का खेल बिगाड़ेगी राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल; इतनी सीटों पर लड़ेगी चुनाव
लोक सभा चुनाव के पहले ही राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने कहा है कि अगर असम में भाजपा के विपक्ष में बनने वाले किसी गठबंधन में उसे शामिल नहीं किया गया तो वह अकेले ही प्रदेश में 8 से 10 मुस्लिम मैजौरिटी वाली सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
गुवाहाटीः राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने कहा है कि असम में हुए डीलिमिटेशन से चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने अपने बारे में कहा है कि वह कोई मुस्लिम दल नहीं है, उसका नारा ही है एकता का राज चलेगा हिंदू मुस्लिम साथ चलेगा. राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने कहा है कि वह सभी धर्मों को साथ लेकर आने वाले चुनाव में अकेले 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.उसने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की चुनावी हथियार डीलिमिटेशन की उसे कोई परवाह नहीं है.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राष्ट्रीय राजनीतिक दल असम में अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. उन्होंने गठबंधन भी बनना शुरू कर दिया है. इसी बीच असम में पहली बार राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने भी चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. मंगलवार को असम के गुवाहाटी में राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय प्रवक्ता तलहा रशीदी और प्रदेश राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के मौलाना उबैदुर रहमानह कासमी ने प्रदेश के पार्टी लीडरों के साथ एक समीक्षा बैठक की.
कम 8 से 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना
राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट तलहा रशीदी ने कहा कि राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल असम में पिछले 5 सालों से जमीनी स्तर पर काम कर रही है. पार्टी ने ऊपरी असम और नीचले असम और मध्य असम के 15 जिलों में अपनी कमेटी बनाकर काम शुरू कर दिया है. हमारी पार्टी खासतौर से मजलूम की आवाज है, क्योंकि असम में अभी कोई शक्तिशाली विपक्ष नहीं है. इसीलिए हम लोग असम में इस बार कम से कम 8 से 10 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हम लोग भारतीय जनता पार्टी की सरकार को इस बार केंद्र से हटाने के लिए पुरजोर कोशिश करेंगे. इसके लिए कोई एलाइंस में हमें शामिल होना पड़े तो हम लोग इसके लिए भी तैयार हैं. अगर कोई एलाइंस हमारी पार्टी को शामिल नहीं करता है तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे.
मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक हाशिये पर धकेलने की साजिश
राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के असम प्रदेश अध्यक्ष मौलाना ऊबेदुर रहमान कासमी ने कहा कि हम प्रदेश के विभिन्न जिलों में ग्राउंड जीरो में लोगों के साथ लोगों की आवाज बन कर काम कर रहे हैं. असम में डीलिमिटेशन और उसमें मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक तौर पर हाशिये पर धकेलने की साजिश पर रशीदी ने साफ तौर पर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ सांप्रदायिकता की राजनीति करती है. वह असम में डीलिमिटेशन के जरिए मुसलमान मतदाता को अलग-थलग कर चुनाव में फायदा लेना चाहती है. उन्होंने कहा कि असम में बाढ़ की समस्या खतरनाक रूप ले चुकी है. कानून व्यवस्था भी संपूर्ण रूप से फेल हो गया है. एक पुलिस ऑफिसर का ही दिन दोपहर में मोबाइल छीन लिया जाता है. एनआरसी जैसी समस्या का भी अभी तक समाधान नहीं हो रहा है, लेकिन सरकार डीलिमिटेशन कर रहे है. यह सरासर गलत है.
गुवाहाटी से शरीफ उद्दीन अहमद की रिपोर्ट
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