Sambhal Case: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा संभल मस्जिद विवाद; कमेटी ने की ये मांग, कल होगी सुनवाई
Sambhal Case in Supreme Court: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे का मामला का सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है. मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि इस मामले में असाधारण कदम उठाए जाएं. जामा मस्जिद में सर्वे के मामले पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनावई होगी.
Sambhal Case in Supreme Court: उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. मस्जिद में सर्वे के निचली अदालत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस आदेश की वजह से संभल में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़की थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. मस्जिद समिति ने आदेश पर तत्काल रोक लगाने और भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना से जल्द सुनवाई की मांग की है. अर्जीगुजार ने दावा किया है कि यह एक "असाधारण मामला" है, इसलिए अदालत को "असाधारण कदम" उठाने चाहिए. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ कल मामले की सुनवाई करेगी.
संभल में हिंसा
इससे पहले निचली अदालत में एक अर्जी दायर कर यह दावा किया गया कि ये मस्जिद एक मंदिर पर बनाई गई है. इस अर्जी पर अदालत ने 19 नवंबर को मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया था. जब जिला प्रशासन और पुलिस ने सर्वे किया, तो जामा मस्जिद कमेटी समेत कई लोगों ने इसकी आलोचना की. 24 नवंबर को जब दोबारा टीम मस्जिद का सर्वे करने पहुंची तो हालत और खराब हो गई. सर्वे टीम के साथ पुलिस और मकामी लोगों के दरमियान मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ में चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. सुप्रीम कोर्ट में दी गई अर्जी पर मस्जिद समिति ने कहा है कि सिविल कोर्ट ने एकतरफा आदेश पारित किया है और उसी दिन सर्वे करने का आदेश दिया है. इस पर समिति और राज्य सरकार से प्रतिक्रिया नहीं मांगी.
सुप्रीम कोर्ट में दी गई अर्जी
सुप्रीम कोर्ट को दी गई अर्जी में कहा गया है कि इस मामले में और कुछ दूसरे मामलों में जिस तरह से सर्वे का आदेश दिया गया, उसका देश भर में कई मामलों पर प्रभाव पड़ेगा. याचिका में कहा गया है कि ऐसे आदेशों से सांप्रदायिक भावनाएं भड़केंगी, कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होगी और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचेगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया सर्वे का आदेश
मुस्लिम समुदाय ने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का हवाला देते हुए सर्वे की मुखालफत की है. कानून में कहा गया है कि अयोध्या को छोड़कर, देश भर में धार्मिक संरचनाओं के लिए 15 अगस्त, 1947 वाली यथास्थिति बनाए रखनी होगी. हालांकि साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की अजादत दी थी. इसमें उस वक्त के भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तर्क दिया था कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 किसी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाने से नहीं रोकता है.
संसद में गूंजा संभल का मामला
24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा और उसके बाद अजमेर दरगाह के बारे में इसी तरह के दावे की सुनवाई करने के लिए अदालत के फैसले ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है, जिसकी गूंज संसद के अंदर और बाहर भी सुनाई दी. आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित कर दी गई. लोकसभा में विपक्षी सदस्य सदन के वेल में जमा हो गए और संभल हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारे लगाए.