बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भारत के शिया मुसलमान फिक्रमंद; मौलाना कल्बे जवाद ने सरकार से की ये गुजारिश
Shia Protest in Lucknow: बांग्लादेश में अल्पसंख्यों के खिलाफ हो रही हिंसा के पेशे नजर मौलाना कल्बे जवाद ने कैंडल मार्च की अगुआई की. उन्होंने भारत सरकार से गुजारिश की कि वह बांग्लादेश में शांति बहाली की कोशिश करे.
Shia Protest in Lucknow: हाल ही में खबरें आईं कि भारत के बड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू बिरादरी के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं. इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शिया मुस्लिमों ने कैंडल मार्च निकाला है. कैंडल मार्च लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में निकाला गया. इस मार्च की कयादत मौलाना कल्बे जवाद ने की. उन्होंने केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ में दबाव बनाए कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार न हो. उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान को आतंकवादी देश करार दिया जाए.
मौलाना कल्बे ने दिया बयान
उन्होंने कहा कि "हम हमेशा से अत्याचारियों के खिलाफ रहे हैं और जिन पर अत्याचार किया जा रहा है, उनसे हमदर्दी रखी है. हम भारत सरकार से गुजारिश करते हैं कि वह संयुक्त राष्ट्र के जरिए दबाव बनाएं और पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करें." उन्होंने आगे कहा कि अगर बांगलादेश में अत्याचार नहीं रुकते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. मौलाना जवाद ने कहा कि "अगर बांग्लादेश अपने तरीके में सुधार नहीं करता है, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए." मार्च के दौरान प्रदर्शन करने वालों ने अत्याचार के खिलाफ नारे लगाए.
अलपसंख्यकों के घरों पर हमले
आपको बता दें कि हाल ही में खबरें आईं कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर कई हमले हुए हैं. यह हमले चरमपंथी तत्वों ने किए. कई मामले ऐसे भी आए कि वहां उल्पसंख्यकों के घरों में आगजनी और लूटपात हुई. कई मंदिरों को भी निशाना बनाने की खबरें आईं.
भारत की बांग्लादेश यात्रा
भारत ने बांग्लादेश से बार-बार ये गुजारिश की है कि वह अल्पसंखयकों और हिंदुओं की हिफाजत करें और आजादी से रहने के उनके हक को तरजीह दें. भारत के विदेश सेक्रेटरी मिसरी ने 9 दिसंबर को ढाका का सफर किया. बांग्लादेश में रिजर्वेशन को लेकर हुई हिंसा के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया, उसके बाद से भारत की पहली हाई लेवल की यात्रा थी. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार है. बांग्लादेश की अपनी यात्रा के दौरान मिसरी ने मीडिया को बताया कि भारत बांग्लादेश से रिश्ते अच्छे रखना चाहता है.