Nuh Violence: हरिणाया के नूंह इलाके में 31 अगस्त को जबरदस्त हिंसा हुई. इस हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई. इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर पुलिस तैनात की गई और इंटनेट बंद कर दिया गया. इंटरनेट बंद होने से यहां के लोगों को काफी दिक्कतें हुईं. इंटरनेट बंद होने से सबसे ज्यादा झटका उन लड़कियों को लगा, जो यहां पर यूनिवर्सिटी बनवाने के लिए कैंपेन चला रही थीं. नूंह इलाके में यूनिवर्सिटी बनवाने के लिए ये लड़कियां पीएम मोदी को खत लिख रही थीं. वह पोस्टकार्ड अभियान भी चला रही थीं, लेकिन यहां इंटरनेट बंद होने की वजह से यह अभियान रुक गया. ऐसे में इन लड़कियों की मदद के लिए एक्टर सोनू सूद आगे आए हैं. 


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सोनू सूद ने क्या कहा?


टीवी9 ने अपनी एक खबर में सोनू सूद के हवाले से लिखा है कि "पिछले कुछ वक्त में हमने देखा कि नुंह में बहुत सारी हिंसा की वारदातें हुई हैं. मुझे लगता है कि पढ़ाई बहुत बड़ी वजह है. अगर वहां यूनिवर्सिटी आ जाए, कॉलेज आ जाए तो वहां के बच्चों के लिए बहुत अच्छा होगा. नुंह में लगभग 30 गांव हैं, जहां कई बच्चे अपनी पढ़ाई नहीं पूरी कर पाते हैं. वहां के लड़के तो दूसरी जगह जाकर पढ़ लेते हैं, लेकिन लड़कियों की पढ़ाई वहीं छूट जाती है. वहां पर अगर यूनिवर्सिटी खुल जाती है तो जिन बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है वो आगे पढ़ पाएंगे, उनका आने वाला कल बेहतर हो जाएगा. हाथ जोड़कर सभी यूनिवर्सिटी वालों से विनती है कि नूंह में विश्वविद्यालय खोलें ताकि बच्चों का भला हो पाए." उन्होंने कहा कि "इसके लिए मैं और मेरी संस्था सोनू सूद फाउंडेशन साथ देगी. हाथ मिलाकर कुछ न कुछ हम शिक्षा के लिए और नूंह के बच्चों के लिए कर सकते हैं. जय हिंद."


सबसे पिछड़ा जिला है मेवात


ख्याल रहे कि हरियाणा के मेवात में बसा नूंह इलाका काफी पिछड़ा है. इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि साल 2018 में नीति आयोग ने मेवात को देश का सबसे पिछड़ा जिला करार दिया था. यहां पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी नहीं है. हाईयर एजुकेशन हासिल करने के लिए यहां के बच्चे तो बाहर चले जाते हैं लेकिन यहां की लड़कियां बाहर नहीं जा पाती. ऐसे में लड़कियां की पढ़ाई छूट जाती है. ऐसे में सोनू सूद इन लड़कियों के लिए मसीहा बन कर आए हैं.