Azam Khan Relief Second Dungarpur Case​: समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर आजम खान को थोड़ी राहत मिली है. मशहूर डूंगरपुर मामले में कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने आज़म खान समेत तमाम 8 मुल्जिमीन को राहत देते हुए डूंगरपुर मामले में बरी कर दिया है. डूंगरपुर के अब तक तीन मामलों में कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है, जिसमें दो मामलों में सपा नेती बरी हुए हैं, जबकि एक केस में उन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई है. गौरतलब है कि, समाजवादी पार्टी की हुकूमत में डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे. इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे. इल्जाम था कि मकानों को सरकारी जमीन बताकर साल 2016 में तोड़ दिया गया था. इस मामले में पीड़ितों ने लूटपाट का इल्जाम भी लगाया था. साल 2019 में बीजेपी सरकार आने पर रामपुर के गंज थाने में इस मामले में तकरीबन एक दर्जन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे.


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इल्जाम लगाया गया कि, समाजवादी सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था. वहां पहले से बने मकानों पर बुलडोजर भी चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया था.  इस तरह के दो मामले में रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट से ही फैसला आ चुका है. एक मामले में पहले आज़म खान को बरी कर दिया गया था और दूसरे में 7 साल की सज़ा हुई थी.  इस मामले में पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन, फिरोज खां, रानू खां, ओर्मेंद्र चौहान, आजम खां आरोपी थे.



बता दें कि, 18 मार्च को रामपुर जिले की एक स्पेशल अदालत ने डूंगरपुर में जबरदस्ती घर तोड़े जाने के मामले में आजम खान को 7 साल की सजा सुनाई है. जबकि, इस केस में अन्य मुल्जिमीन को 5 साल की सजा सुनाई गई है. रामपुर की MP-MLA अदालत ने आजम खान को बड़ा झटका देते हुए सजा का ऐलान किया. अदालत ने एसपी लीडर को ये सजा डूंगरपुर मामले में सुनाई थी. अदालत ने आईपीसी की अलग-अलग दफाओं के तहत आजम खान को कुसूरवार करार दिया था.