Tahir Hussain: दिल्ली दंगों के मुल्जिम और पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन लगभग 5 सालों से जेल में बंद हैं. दिल्ली विधान सभा चुनाव 2025 में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद इलाके से अपना उम्मीदवार बनाया है. ताहिर हुसैन चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से जमानत की अपील कर रहे हैं. आज इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.


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जमानत की गुजारिश
जेल में बंद ताहिर हुसैन के वकील ने 13 फरवरी को दिल्ली के हाई कोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए जमानत की अपील की थी. इसके बाद कोर्ट ने 14 फरवरी को सिर्फ विधानसभा चनाव में नॉमिनेशन के लिए इजाजत दी थी. इसके बाद ताहिर हुसैन के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी जाए.


दी जाए प्रचार की इजाजत
पूर्व पार्षद और फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के मुलजिम ताहिर हुसैन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि उन्हें आने वाली दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए हिरासत में प्रचार करने की इजाजत दी जाए. हुसैन की ओर से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता की पीठ को बताया कि प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं, इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में मतदाताओं से जुड़ने की इजाजत दी जाए.


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अदालत ने किया सवाल
ताहिर हुसैन के ने कहा, "जिस जगह पर मेरा घर बताया जा रहा है, वहीं दिल्ली दंगे हुए थे. मैं मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहा हूं और रहने के लिए भी कह रहा हूं कि मैं घर नहीं जाऊंगा और एक होटल में रहूंगा और जानकारी दूंगा." एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अर्जी की मुखालफत करते हुए कहा कि उनका किरदार गंभीर है पीठ ने अग्रवाल से यह भी कहा कि वे बताएं कि हुसैन क्या वचन देंगे.


अलग-अलग था फैसला
22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच की तरफ से अलग-अलग फैसला दिए जाने के बाद हुसैन अंतरिम जमानत हासिल करने में नाकाम रहे. सुप्रीम कोर्ट के दो जज, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मित्तल की फैसले पर एक राय नहीं बनने की वजह से कोई फैसला नहीं माना गया. अब सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है.