Tabrez Ansari lynching case: तबरेज अंसारी के मामले में एक बड़ा डेवलपमेंट सामने आ रही है. तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले में कोर्ट ने 13 में से 11 लोगों को दोषी पाया है. सुनवाई झारखंड के सरायकेला कोर्ट में चल रही थी. अभियोजन पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन के मुताबिक कोर्ट ने दो लोगों को सबूत ना होने की वजह से रिहा कर दिया गया है. उन्होंने बताया इस मामले में सजा का ऐलान 5 जुलाई को होगा.


वकील ने क्या कहा?


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इस मामले में कुशमल माहली नाम के आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद बाकि आरोपियों को जेल में भेज दिया गया था. अलताफ हुसैन कहते हैं- "मामले में आरोपी 13 लोगों में से, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित शेखर की अदालत ने मंगलवार को उनमें से 10 को आईपीसी की धारा 304 के तहत दोषी ठहराया, जबकि अन्य दो - सुमंतो महतो और सत्यनारायण नायक को बरी कर दिया गया." मुझे यकीन है कि सभी आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी जाएगी.


पुलिस ने केस को बनाया था गैर इरादातन हत्या


पुलिस ने मॉब लिंचिंग मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप हटा दिए थे और पोस्टमॉर्टम, मेडिकल और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर इसे गैर इरादतन हत्या (आईपीसी की धारा 304) में बदल दिया था, जिसमें बताया गया था कि 24 साल के तबरेज अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है. इस मामले में पहली ऑटोप्सी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तबरेज अंसारी को 22 जून को हार्ट पर स्ट्रैस पड़ने से मौत हुई है.


आपको जानकारी के लिए बता दें तबरेज अंसारी को खंबे से बांध कर घंटो तक पीटा गया था. उससे जय श्रीराम और जय बजरंगबली के नारे लगवाए गए थे. ये मामला 18 जून 2019 को पेश आया था. शक था कि तबरेज और उसके साथ दो लोगों ने बाइक चोरी की है. पूरी रात पिटाई के बाद पुलिस सुबह मौके पर पहुंचती है और गांव वालों की शिकायत के अनुसार अंसारी को जेल में ले जाती है.


जब अंसारी की हालत जेल में बिगड़ने लगती है को उसे सदर अस्पताल सरायकेला ले जाया जाता है. वहां उसकी चोटों का इलाज किया जाता है. वहां से उसे टाटा मेन अस्पताल में रेफर किया जाता है, जहां उसकी 22 जून को मौत हो जाती है.