Telangana News: तेलंगाना के सचिवालय में मंदिर, मस्जिद और चर्च बनाया गया है. सीएम के.चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को कहा, "राज्य ने सचिवालय में मंदिर, मस्जिद और चर्च बनने से समाज में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम हुई है." उन्होंने राज्य प्रशासन ने केंद्र सचिवालय में राज्यपाल तमिलिसाई सुंदर राजन के साथ तीन इबादतखानों का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की है. मस्जिद में बोलते हुए, केसीआर ने कहा, "उनकी सरकार तेलंगाना में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. पहले की तुलना में एक बेहतर मस्जिद बनाया गया है, जिसका निर्माण निज़ाम के समय में किया गया था."


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उन्होंने कहा, "हमने इस बात की सबसे अच्छी मिसाल कायम की है कि कैसे तीन भाई एक साथ इबादत कर सकते हैं और शांति और सद्भाव के साथ रह सकते हैं. पूरा भारत इससे सीख सकता है.'' मस्जिद के उद्घाटन में राज्य के गृह मंत्री महमूद अली, मुख्य सचिव शांति कुमारी, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी, तेलंगाना विधानसभा में एआईएमआईएम के फ्लोर लीडर अकबरुद्दीन औवेसी और धार्मिक नेता शामिल हुए. 


इससे पहले राज्यपाल और केसीआर ने मंदिर और चर्च का उद्घाटन किया था. अपने आगमन के फौरन बाद, उन्होंने नल्ला पोचम्मा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. नए परिसर के उद्घाटन के बाद राज्यपाल का सचिवालय का यह पहला दौरा था. चर्च का उद्घाटन करने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने केक भी काटा.


2021 में पुराने सचिवालय भवनों को गिराए जाने के दौरान एक मस्जिद और एक मंदिर को तोड़ दिया गया था. केसीआर ने इस घटना पर अफसोस जताया था. उन्होंने दावा किया था कि इबादतगाहों पर मलबा गिरने के वजह से उन्हें नुकसान पहुंचा था. उन्होंने सरकारी खर्च पर इबादतगाहों को फिर से बनाने का वादा किया था.


ईसाई नेताओं ने मुख्यमंत्री को बताया था कि चर्च की सेवाएं पुराने सचिवालय में होती थी. 5 सितंबर, 2021 को केसीआर ने ऐलान किया था कि सरकार नए सचिवालय भवन में एक चर्च, एक मस्जिद और एक मंदिर बनाया जाएगा. पिछले महीने, उन्होंने ऐलान किया था कि अपनी सरकार की सभी धर्मो की समानता की नीति और संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष भावना को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. 


केसीआर ने कहा, "यह कदम तेलंगाना की 'गंगा जमुनी तहजीब' को बढ़ावा देगी." मस्जिद को फिर से बनाने के लिए  25 नवंबर, 2021 को नींव रखी गई थी. सरकार ने मस्जिद के लिए 1,500 गज जमीन दी थी. जिसे 2.9 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.


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