शख्स ने बीवी को दो बार हलाला करने पर किया मजबूर, जानें क्या है हलाला?
Triple Talaq and Halala: उत्तर प्रदेश के जिला लखीपुर में एक शख्स ने अपनी बीवी को दो बार तलाक दिया और उसे हलाला करने पर मजबूर किया. अब शख्स ने तीसरी बार तलाक दिया है.
Triple Talaq and Halala: उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर खीरी में एक बार फिर तलाक के बाद हलाला का मामला सामने आया है. पीड़िता के साथ एक नहीं बल्कि दो बार तलाक के बाद हलाला किया गया. इसके बाद पीड़िता ने तीसरी बार हालाला करने से इंकार कर दिया. हलाला से परेशान हुई पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई है. सदर कोतवाली इलाके के रसौरा मीरपुर गांव की रहने वाली अख्तरुन निशा की शादी कुछ साल पहले थाना निघासन इलाके के शाहिद से हुई थी. पीड़िता का इल्जाम है कि शादी के बाद से ही पति सहित परिवार के लोग उसकी पिटाई कर रहे थे और दहेज की मांग भी कर रहे थे.
तीसरी बाद दिया तलाक
अख्तरुन निशा के मुताबिक दो साल पहले उनके पति शाहिद ने उन्हें तलाक दे दी. फिर कहा कि हमारे जीजा के साथ हलाला करोगी, तब दोबारा निकाह करेंगे. मजबूर होकर अख्तरुन निशा को बड़े जीजा के साथ हलाला करना पड़ा. इसके कुछ दिन गुजरने के बाद फिर पति ने मारपीट की और तीन तलाक दे दिया. इस बार पति ने छोटे जीजा के साथ हलाला कराया. इसके बाद अपने साथ निकाह किया. फिर पति शाहिद ने चार जुलाई को तीन तलाक दे दिया और भाग गया.
महिला की न्याय की मांग
इस बार फिर परिवार के लोगों ने हलाला करवाने की बात कही, लेकिन इस बार महिला परेशान हो गई और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है. बाप मकसूद अपनी बेटी के साथ न्याय पाने के लिए पुलिस थाने के चक्कर काटने लगा. पिता मकसूद ने जब ससुराल वालों से विरोध किया तब पति ने कहा इस्लाम में कानून है. अख्तरुन निशा का कहना है कि हमें न्याय चाहिए. हमारे साथ उनके बहनोई ने बुरा काम किया है. अपने बीते हुए कल को याद कर बाप बेटी न्याय पाने के लिए अब पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं.
क्या है हलाला?
दरअसल इस्लाम में एक मान्यता है कि अगर कोई शख्स अपनी बीवी को तलाक दे देता है तो वह बीवी उसके लिए हराम हो जाती है. अब वह शख्स उसके साथ निकाह नहीं कर सकता है. अब अगर वह शख्स अपनी छोड़ी हुई बीवी से दोबारा निकाह करना चाहेगा तो वह उसके लिए वह औरत तब जायज होगी जब कोई दूसरा शख्स उसके साथ निकाह कर ले और वह भी उसे तलाक दे दे. इसके बाद पहला वाला सख्स उस औरत से शादी कर सकता है. हालांकि इस काम को जनबूझ करने से मना किया गया है. लेकिन कुछ लोग इस कानून का गलत इस्तेमाल करते हैं जिसे कई उलेमा मना करते हैं.