Delhi Riot 2020 Case: दिल्ली हाईकोर्ट फरवरी 2020 की हिंसा से संबंधित गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) मामले में स्टूडेंट और समाजिक कार्यकर्ता उमर खालिद, शरजील इमाम और दूसरे आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर 7 जनवरी को सुनवाई करेगा. जस्टिस नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर इन मामलों की सुनवाई करेंगे.


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दिल्ली पुलिस द्वारा इन मामलों में अपनी दलीलें पेश किए जाने की संभावना है. खालिद, इमाम और दूसरे पर फरवरी 2020 के दंगों के कथित ‘‘मुख्य षड़यंत्रकारी’’ होने के कारण यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे.


CAA प्रोटेस्ट के दौरान हुई थी हिंसा
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यह हिंसा भड़क गई थी. आरोपियों ने अदालत से जमानत का अनुरोध करते हुए कहा है कि वे लंबे वक्त से जेल में हैं और कई अन्य सह-आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है. इमाम, गुलफिशा फातिमा और खालिद सैफी सहित अधिकतर आरोपियों ने 2022 में जमानत याचिकाएं दायर कीं और इन मामलों की सुनवाई समय-समय पर अलग-अलग पीठों में की गई.


उमर खालिद ने पिछले साल खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
उमर खालिद ने अक्टूबर 2022 में हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पिछले साल दूसरी बार जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने 20 दिसंबर को सुनवाई सात जनवरी के लिए स्थगित कर दी थी. उस वक्त दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा था कि अभियोजन पक्ष की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू मामले की पैरवी करेंगे. हिंसा के बाद सभी आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था.