Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यभर में चल रहे सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे छात्रों का दाखिला गवर्नमेंट स्कूल में कराने का निर्देश दिया है.  यूपी में 4204  गैर मान्यता प्राप्त मदरसे में पढ़ रहे बच्चे को अब बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में दाखिला कराया जाएगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसको लेकर एक लेटर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चीफ सेक्रेटरी और अल्पसंख्यक आयोग को लिखा है. वहीं, मुख्य सचिव ने यूपी के सभी जिलों के डीएम को आदेश जारी कर दिए हैं.  मुख्य सचिव ने आदेश में कहा है कि डीएम अपने जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे में पढ़ रहे गैर मुस्लिम स्टूडेंट्स का सर्वे कराकर उनको बेसिक शिक्षा विद्यालय में दाखिला करवाए. सर्वे कराने के डीएम जिला स्तर पर एक टीम गठित करेगी.  जिसमें एसडीएम, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे. साथ ही स्थानीय अधिकारी और पुलिस कमेटी इसमें सहयोग करेंगे.


जमीयत ने किया विरोध 
वहीं, जमीयत उलेमा हिंद के प्रेसिंडेट मौलाना महमूद मदनी ने मदरसों के बच्चों को बेसिक शिक्षा स्कूल में पढ़ने को लेकर एक लेटर चीफ सेक्रेटरी को लिखकर कहा कि इस आदेश को तत्काल रूप से खारिज किया जाए. उन्होंने कहा कि बच्चों और उनके माता पिता को संविधान ने अधिकार दिया है कि  वह जहां चाहे वहां पढ़ सकते हैं.


बाल संरक्षण आयोग ने की ये मांग
बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि हमने चीफ सेक्रेटरी को दो बिंदुओं पर लेटर लिखा है, जिसमें यह मांग की गई है कि जो गैर-मुस्लिम बच्चे अभी तक मदरसे में पढ़ते थे उनको वहां से निकाल कर बेसिक शिक्षा और जो बच्चे अभी तक मदरसों में पढ़ते थे जो मदरसे अवैध करार दिए गए हैं उनको भी बेसिक शिक्षा स्कूलों में पढ़ाया जाए.


क्या है पूरा मामला?
बता दें कि दो साल  पहले 2022 में शासन स्तर से एक आदेश जारी हुआ था. इसमें उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अवैध मदरसों का सर्वे कराने के निर्देश दिए गए थे. प्रदेशभर में चले सर्वे में तकरीबन 8000 अवैध मदरसे की पुष्टि हुई थी.