UP Madrasa ACT: मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. एससी ने इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है और मदरसा एक्ट को मान्यता दे दी है. इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है. बता दें, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 22 अगस्त को फैसला सुनाया था. और उसे असैंवेधानिक घोषित कर दिया था. यह फैसला चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाल, जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के जरिए सुनाया गया है.


कोर्ट ने क्या कहा?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके साथ ही, न्यायालय ने मदरसों में शैक्षिक मानकों को आधुनिक शैक्षणिक अपेक्षाओं के अनुरूप बनाने में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मदरसे हायर एजुकेशन की डिग्री नहीं दे सकते, क्योंकि यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम का उल्लंघन है.


शीर्ष अदालत ने कहा कि कक्षा 12 से आगे 'फाजिल' और 'कामिल' डिग्री देने वाले मदरसों को उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा मान्यता नहीं दी जा सकती, क्योंकि ये यूजीसी अधिनियम के विपरीत हैं और इस हद तक यह असंवैधानिक है. मंगलवार के फैसले का मतलब है कि उत्तर प्रदेश में मदरसे चलते रहेंगे और राज्य सरकार शिक्षा के मानकों को विनियमित करेगी.


नहीं करता है धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन


भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने यह मानकर गलती की कि यह कानून धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है. सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कहा, "हमने यूपी मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखी है और इसके अलावा किसी कानून को तभी रद्द किया जा सकता है, जब राज्य के पास विधायी क्षमता का अभाव हो." 


 


मुलायम सिंह ने पास किया था कानून


मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते राज्य सरकार ने ये क़ानून पास किया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित करते हुए आदेश दिया था कि सभी मदरसा छात्रों का दाखिला राज्य सरकार सामान्य स्कूलों में करवाए. इसके खिलाफ मदरसों के मैनेजर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी.


5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. यही वजह है कि यूपी में मदरसे अभी चल रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग( NCPCR) ने भी SC में अपनी लिखित दलीलों में मदरसा शिक्षा को बच्चों के हित के खिलाफ बताया था.


सपा प्रवक्ता ने क्या कहा?


मदरसे पर फैसले को लेकर समाजवादी प्रवक्ता फखरुल हसन चांद का बयान आया है. उन्होंने कहा," जो फैसला आया है उसका स्वागत करते हैं, अखिलेश यादव जी ने मदरसो में बच्चों को पढ़ने वाले पर ध्यान दिया था उनकी पढ़ाई पर ध्यान दिया था, बीजेपी ने हमेशा सरकार विद्यालय में जो बच्चे पढ़ते हैं नाम पर ध्यान दिया ना मदरसो के बच्चों पर ध्यान देने की कोशिश करें."