Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश में मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन मस्जिद से जुड़ी विवाद को लेकर खबरें आती रहती हैं. ताजा मामला मुजफ्फरनगर जिले का है. यहां एक मस्जिद की जमीन को लेकर विवाद खड़ा होने लगा है.  इस मामले को लेकर हिन्दू संगठन रोड पर उतर गए हैं. 


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हिंदूवादी नेता संजय अरोरा ने रेलवे स्टेशन के ठीक सामने की इस मस्जिद को लेकर सवाल उठाए थे. जिसके बाद जिला प्रशासन ने जांच पड़ताल करने के बाद मस्जिद की इस भूमि को निष्क्रांत भूमि घोषित कर दिया. अब इस मामले में गृह मंत्रालय ने भी हस्तक्षेप किया है.


लखनऊ से आए शत्रु संपत्ति अभिरक्षक विभाग के पर्यवेक्षक ने जिला प्रशासन की टीम के साथ रेलवे स्टेशन के सामने मस्जिद और दुकानों का जायजा लिया और पुराने रिकॉर्ड्स की जांच पड़ताल की. सुपरवाइजर ने भी उक्त संपत्ति को प्रशासन की रिपोर्ट के बुनियाद पर निष्क्रांत संपत्ति बताया है. साथ ही विभाग ने कहा कि डीएम की संस्तुति पर उक्त संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया जाएगा.


मस्जिद की इस जमीन को सरकार क्यों घोषित करने जा रही है शत्रु संपत्ति ? 
लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस मस्जिद की जमीन को सरकार शत्रु संपत्ति क्यों घोषित करने जा रही है?  दरअसल, विवादित मस्जिद की जमीन आज भी पत्रावलियों में रुस्तम अली के नाम पर दर्ज है. पत्रावलियों में जमीन के मालिक के नाम के सामने रुस्तम अली साफतौर पर  लिखा हुआ है, जबकि दूसरे कॉलम में मस्जिद लिखा हुआ है, तो आइए जानते हैं ये रुस्तम अली कौन थे?


कौन थे रुस्तम अली?
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली की मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन के सामने कई सौ बीघा जमीनें मौजूद हैं. भारत सरकार इसी जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित करने की तैयारी में जुट गई है. असल में रुस्तम अली कोई और नहीं, बल्कि लियाकत अली के पिता थे. बंटवारे के बाद लियाकत अली पाकिस्तान चले गए, जहां वो पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने.


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मस्जिद कमेटी ने किया ये दावा
वहीं, मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों ने कहा कि रुस्तम अली भले ही पाकिस्तान के पहले पीएम लियाकत अली के पिता क्यों न हो, लेकिन उनकी पैदाईश पैदा मुजफ्फरनगर में हुई और उनका इंतकाल भी यहीं पर हुआ था. ऐसी स्थिति में ये प्रोपर्टी शत्रु संपत्ति कैसे हुई? कमेटी के लोगों ने कहा कि इसके लिए वे लोग आगे तक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.


कुछ दिन पहले ही पाक के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ की प्रोपर्टी की हुई थी निलामी
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही यूपी के बागपत जिले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की 13 बीघा जमीन को शत्रु संपत्ति के तहत नीलाम कर दिया गया.