UP News: योगी सरकार ने मुहर्रम के जुलूस में अस्त्र-शस्त्र के दिखावे पर पांबदी लगाई है. सीएम योगी ने एक बयान में कहा कि धार्मिक यात्राओं व जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों. योगी सरकार के इस नए फरमान पर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों की मिली जुली प्रतिक्रिया आई है. कुछ लोग योगी सरकार के आदेश के सपोर्ट में हैं तो कुछ लोग इसे दोहरा रवैया बता रहे हैं.


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गलत है पाबंदी
रजदेपुर में मौजूद मस्जिद के सामन रहने वाले सुन्नी समुदाय के मुस्लिमों ने कहा कि हम लोगों के मोहर्रम में मातम के दौरान जुलूस में जंजीर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा तलवार या अन्य अस्त्र का इस्तेमाल ताजिया के अखाड़ा में करतब के दौरान किया जाता है. ये कार्यक्रम सदियों से चली आ रहा है. इस पर रोक लगाना गलत है. 


सदियों से जारी है परंपरा
मुरादाबाद के लोगों का कहना है कि योगी सरकार ने आज आदेश दिया है कि मोहर्रम में अस्त्र शस्त्र का दिखावा न हो लेकिन ये सदियों से चला आया है. अगर योगी सरकार इस तरह का आदेश पारित करना चाहती है तो उसे चाहिए कि वह सभी धर्मों के लिए इस तरह के आदेश पारित करे. एक दूसरे शख्स का कहना है कि जैसे चल रहा है सब वैसे ही चलना चाहिए. इसमें बदलाव नहीं होना चाहिए.


मिली जुली प्रतिक्रिया
मोहर्रम में अस्त्र शस्त्र के प्रदर्शन पर योगी सरकार के रोक के फ़ैसले को लेकर प्रयागराज के मुस्लिमों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. मुस्लिम समाज का एक तबका सरकार के इस फैसले से खुश है. इन लोगों का मानना है कि सरकार इलाके में अमन कायम करने के लिए हथियारों के प्रदर्शन पर रोक लगा रही है. इसके उलट कुछ लोग ऐसे हैं जो सरकार के फैसले को पक्षपात के नजरिए से देख रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि नियम सबके लिए बनना चाहिए. हर धर्म के त्योहार में अस्त्रों के दिखावे पर पाबंदी लगानी चाहिए.


फैसले का स्वागत
वहीं मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद साकिब ने कहा है कि मोहर्रम त्यौहार को लेकर योगी जी का आदेश ठीक है. इस पर अमल किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि मुहर्रम के मौके पर अस्लहों का दिखावा गलत है.