Wakf Amendment Bill: 3 करोड़ नहीं, JPC को मिले हैं सिर्फ इतने ईमेल, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
Wakf Amendment Bill: जेपीसी ने सुझाव देने की आखिरी तारीख 16 सितंबर रात 12 बजे तक बढ़ा दी थी. अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी.
Wakf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड से जुड़े दो संसोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति यीनी जेपीसी को भेज दिया गया है. इस बिल का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करना है. इस संबंध में अब तक जेपीसी की तीन बैठकें हो चुकी हैं. इसी दौरान जेपीसी की तरफ से वक्फ संशोधन विधेयक पर आम लोगों से सुझाव मांगे गए थे.
अब तक कितने मिले ईमेल
इस मामले में अब तक ईमेल के जरिए करीब 84 लाख सुझाव जेपीसी के पास आ चुके हैं. इसके साथ ही लिखित सुझावों से भरे करीब 70 बॉक्स भी संयुक्त संसदीय समिति के पास आ चुके हैं.हालांकि, सोशल मीडिया पर ईमेल को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. लोगों ने दावा किया है कि अब तक 3 करोड़ से ज्यादा लोग ईमेल भेज चुके हैं.
पटना लॉ कॉलेज में होगी बैठक
गौरतलब है कि जेपीसी ने सुझाव देने की आखिरी तारीख 16 सितंबर रात 12 बजे तक बढ़ा दी थी. अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी. 19 सितंबर को पटना लॉ कॉलेज के वीसी के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के पदाधिकारी को बुलाया गया है.
जेपीसी सदस्य 6 शहरों का करेंगे दौरा
वहीं, 26 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच जेपीसी सदस्य देश के 6 प्रमुख शहरों का दौरा करेंगे और वहां के संभ्रांत लोगों और मुस्लिम संगठनों से राय लेंगे. जेपीसी सदस्य मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु का दौरा करेंगे. वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल हैं, जो भाजपा सांसद हैं.
इस दिन पेश होगी रिपोर्ट
जेपीसी की तरफ से आए ईमेल और लिखित सुझावों पर विचार करने के साथ ही कुछ विशेषज्ञों और हितधारकों की राय और सुझाव भी सुने जाएंगे. विधेयक पर चर्चा के बाद समिति संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
सांसदों ने किया विरोध
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी की पहली बैठक से ही विभिन्न विपक्षी दलों के कई सांसदों ने कहा कि विधेयक का मौजूदा प्रारूप स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के कानूनों का उल्लंघन करेगा. वक्फ न्यायाधिकरण में डीएम और अल्पसंख्यक समुदाय से बाहर के सदस्यों को शामिल करने पर बड़ी आपत्ति जताई गई है.