Waqf Act 2024: केंद्र सरकार ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संसोधन बिल 2024 पेश किया था. इस दौरान सदन में विपक्ष ने इस बिल का विरोध किया. जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ने जेपीसी का गठन किया. इस JPC में सत्ता पक्ष और विपक्ष के मुख्तलिफ राजनीतिक दलों के 21 सांसद शामिल होंगे. इस जेपीसी में कई मुस्लिम सांसदों को सदस्य बनाया गया है.


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राज्यसभा के कई सांसदों को बनाया जाएगा सदस्य
इसके अलावा जेपीसी में राज्यसभा से भी मुख्तलिफ राजनीतिक दलों के 10 सांसदों को शामिल किया जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा से शामिल किए जाने वाले 21 सांसदों के नाम का प्रस्ताव सदन में रखते हुए बताया कि वे 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' को एक जॉइंट कमेटी ऑफ द हाउस को रेफर करने का प्रस्ताव रखते हैं.


कई मुस्लिम सांसद हैं शामिल
इसमें लोकसभा से असदुद्दीन ओवैसी,  इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिब्बुल्लाह, जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, कल्याण बनर्जी, ए राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामत, अरविंद सांवत, एम सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के और अरुण भारती सहित लोकसभा से कुल 21 सदस्य और राज्यसभा से 10 सांसद शामिल किए जाएं.


इस दिन फिर से पेश किया जाएगा बिल
इसके लिए राज्यसभा से 10 सांसदों के नाम मांगे जाने का प्रस्ताव भी उन्होंने लोकसभा में रखा. किरेन रिजिजू ने जेपीसी के सदस्यों के नाम के साथ ही यह भी प्रस्ताव लोकसभा में रखा कि यह कमेटी बिल पर विचार करने के बाद पार्लियामेंट के अगले सेशन के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट दे दे. लोकसभा ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.


बीजेपी के पास नहीं है बहुमत?
लोकसभा में बहुमत होने के बावजूद बीजेपी वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 को पारित नहीं करवा पाई. जिसके बाद राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिल को जेपीसी के पास भेजने का मतलब है कि अब यह बिल पास नहीं हो पाएगा. कई बार ऐसा हुआ है कि अगर बिल जेपीसी के पास चला जाता है तो उस कानून को लोकसभा और राज्यसभा में पास होने में कई दिक्कतें आती हैं. ऐसे में बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है.